Jagannath Rath Yatra 2024:जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व, कैसे हुई थी इसकी शुरूआत और क्यों मजार पर रुकना है जरुरी

Jagannath Rath Yatra 2024:जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व, कैसे हुई थी इसकी शुरूआत और क्यों मजार पर रुकना है जरुरी

Date: Jul 06, 2024

By: Poonam Nishad, Bharatraftar

पवित्र जगन्नाथ रथ यात्रा इस साल 7 जुलाई से शुरू हो रही है।

क्यों होती है रथ यात्रा?

एक बार सुभद्रा ने अपने भाइयों से नगर देखने की इच्‍छा जताई। फिर दोनों भाइयों ने अपनी बहन सुभद्रा के लिए भव्‍य रथ तैयार करवाया और उस पर सवार होकर तीनों नगर भ्रमण के लिए निकले थे।

क्यों होती है रथ यात्रा?

रास्‍ते में तीनों अपनी मौसी के घर गुंडिचा भी गए और 7 दिन तक रुके और उसके बाद नगर यात्रा को पूरा करके वापस पुरी लौटे। तब से हर साल ये रथ यात्रा निकाली जाती हैं।

जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व

भगवान जगन्‍नाथ के रथ में कुल 16 पहिए होते हैं और यह बाकी दोनों रथों से बड़ा भी होता है। रथ यात्रा में कुछ धार्मिक अनुष्‍ठान भी किए जाते हैं।

जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व

धार्मिक मान्‍यता है कि इस रथ यात्रा का साक्षात दर्शन करने भर से ही 1000 यज्ञों का पुण्य फल मिल जाता है।

भगवान जगन्‍नाथ का रथ अपनी यात्रा के दौरान मुस्लिम भक्‍त सालबेग की मजार पर कुछ देर के लिए जरूर रुकता है। माना जाता है एक बार जगन्‍नाथजी का एक भक्‍त सालबेग भगवान के दर्शन के लिए पहुंच नहीं पाया था।

फिर उसकी मृत्‍यु के बाद जब उसकी मजार बनी, तो वहां से गुजरते वक्‍त रथ खुद ब खुद वहां रुक गया।

फिर उसकी आत्‍मा के लिए शांति प्रार्थना की गई, तो उसके बाद रथ आगे बढ़ पाया। तब से हर साल सालबेग की मजार पर जगन्‍नाथजी का रथ जरूर रुकता है।

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