सावन में भगवान को झूला झूलने की परंपरा और महत्व?

सावन में भगवान को झूला झूलने की परंपरा और महत्व?

Date: Jul 29, 2024

By: Ankita Srivastava, Bharatraftar

प्रेम की गाथा

हिंदू मान्यताओं के अनुसार सावन माह भगवान शिव- माता पार्वती और श्री राधा- कृष्ण की प्रेम गाथाओं को याद दिलाता है.

झूला झूलने का महीना

प्राचीन परंपरा के अनुसार सावन महीने में झूला झूलते हैं. जिसे अपना एक अलग ही मजा होता है. कई जगहों पर तो झूला महोत्सव मनाया जाता है. 

झूले पर विराजते हैं भगवान

सावन महीने में भगवान अपने प्राचीन झूलों पर विराजते हैं. तो वहीं मान्यता अनुसार नाग पंचमी के दिन से सभी अपने घरों में भगवान के लिए झूला डालते हैं और उन्हें झूला झूलते हैं.

झूला झूलने की परंपरा

कहते हैं कि भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी को सावन के महीने में झूला झुलाया था. तभी से परंपरा चलती आ रही है, ये महीना उनकी प्रेम गाथाओं की याद दिलाते हैं.

भोलेनाथ ने माता पार्वती को झूला झुलाया

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भोलेनाथ ने अपनी आराध्य माता पार्वती के लिए सावन महीने में झूला डाला था और स्वयं माता पार्वती को झूला भी झुलाया.

चारों ओर हरियाली और खुशी

सावन महीने में हरियाली को देखकर व्यक्ति का मन भी प्रसन्न रहता है. अगर भगवान को दिल से याद किया जाए तो बीना प्रयास के उनका आशीर्वाद मिल जाता है.

प्रेम की भावना

सावन माह में भगवान को झूला झूलाने से परिवार के सदस्यों के बीच एकता और समरसता बनी रहती है. यह मान्यता भक्ति और प्रेम की भावना को मजबूती देता हैं.

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