तुलसी माता ने क्यों की थी श्री हरि विष्णु से दूसरी शादी? जानिए क्या कहती है इससे जुड़ी पौराणिक कथा
Date: Oct 26, 2024
By: Nitika Srivastava, Bharatraftar
तुलसी विवाह
हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का खास महत्व है. हर साल तुलसी विवाह बड़े ही धूमधाम के साथ किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन शालिग्राम के रूप में श्री हरि विष्णु और मां तुलसी का विवाह हुआ था.
कब है तुलसी विवाह
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल तुलसी विवाह 13 नवंबर के दिन मनाया जाएगा. लेकिन क्या आपको पता है कि, श्री हरि विष्णु ने तुसली से दूसरी शादी क्यों की?
क्या है कथा?
जालंधर की पत्नी वृंदा भगवान विष्णु की भक्त थी. उसके पति के आतंक से देवी देवता परेशान हो चुके थे. उससे छुटकारा पाने के लिए सभी देवी देवता भगवान विष्णु के पास पहुंचे और उन्हें पूरी बात बताई.
श्री हरि ने लिया जालंधर का रूप
श्री हरि विष्णु ने कहा कि उसकी पत्नी के सतीत्व को नष्ट करके उसे हराया जा सकता है. जिस वजह से उन्होंने जालंधर का रूप लिया.
वृंदा की पवित्रता हुई खंडित
जालंधर के रूप में श्री हरि ने वृंदा को स्पर्श किया तो उसका सतीत्व नष्ट हो गया, और राक्षस की सारी शक्तियां नष्ट हो गईं. जिसके बाद उसका वध हो गया.
वृंदा ने दिया श्राप
वृंदा को उसके साथ हुए छल के बारे में जब पता चला तो उसने श्री हरि विष्णु को पत्थर बनने का श्राप दे दिया.
मां लक्ष्मी ने मांगी माफी
श्री हरि विष्णु को मिले श्राप से मां लक्ष्मी बेहद दुखी हुईं. जिसके बाद उन्होंने वृंदा से माफी मांगी और श्राप वापस लेने को कहा.
वृंदा को मिला तुलसी का नाम
वृंदा ने श्री हरि को तो श्राप से मुक्त कर दिया लेकिन खुद को भस्म कर दिया. जिस स्थान पर वृंदावन भस्म हुई उसे स्थान पर तुलसी का पौधा उग आया.
श्री हरि विष्णु ने दिया आशीर्वाद
भगवान विष्णु ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए कहा कि उनके स्वरूप को तुलसी के साथ पूजा जाएगा. जिस वजह से देव उठनी एकादशी के अगले दिन शालिग्राम से तुलसी विवाह होता है.
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