Chhath Pooja 2024: कौन हैं छठी मईया, 36 घंटे तक निर्जला व्रत क्यों होता है इतना खास?

Chhath Pooja 2024: कौन हैं छठी मईया, 36 घंटे तक निर्जला व्रत क्यों होता है इतना खास?

Date: Nov 05, 2024

By: Mansi Yadav, Bharatraftar

छठ पूजा

छठ बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्‍तर प्रदेश का बड़ा पर्व है| इसमें सूर्य देव को अर्घ्‍य दिया जाता है और छठी महया की पूजा की जाती है| मान्‍यता है कि पूरी शुद्धता, पवित्रता और सच्‍चे मन से छठ व्रत पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं|  

कौन हैं छठी मईया?

पौराणिक कथा के अनुसार छठी मईया को ब्रह्मदेव की पुत्री और भगवान सूर्य की बहन कहा जाता है| छठी मईया को संतान प्राप्ति की देवी और सूर्य देव को शरीर का स्वामी या देवता कहा जाता है| 

देवी मां का छठा अंश

पुराणों में माना जाता है कि जब ब्रह्म देव सृष्टि की रचना कर रहे थे, तब उन्होंने खुद को दो भागों में विभाजित कर लिया था| एक भाग पुरुष और दूसरा प्रकृति| जिसके बाद प्रकृति ने भी खुद को 6 भागों में विभाजित कर लिया, जिसमें से एक देवी मां हैं| छठी मईया देवी मां का छठा अंश हैं| 

क्यों की जाती है ये पूजा?

 ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी व्यक्ति पूरी आस्था, भक्ति और विश्वास के साथ इस पर्व को मनाता है और 36 घंटे का व्रत रखता है, छठी मईया और भगवान सूर्य खुद उसके पुत्र और परिवार की लंबी आयु की रक्षा करते हैं|

क्यों खास ये पर्व?

छठ पूजा को मन्नतों का पर्व भी कहा जाता है|इस पूजा को शारीरिक और मानसिक रूप से बड़ी शुद्धता के साथ मनाया जाता है| निसंतान महिलाएं व्रत रखकर इस पूजा का पालन करती हैं तो छठी मैया की कृपा से उनकी मनोकामनाएं जल्द पूर्ण होती हैं और पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है| 

छठी मइया के पति

पुराणों के अनुसार छठी मइया के पति भगवान कार्तिकेय है| भगवान कार्तिकेय भगवान शिव और माता पार्वती के पहले पुत्र एवं गणेश और अशोक सुंदरी के बड़े भाई हैं|

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