ई-सिगरेट से बना लीजिए दूरी, वरना फेफड़ों के साथ ही गले के कैंसर का रहेगा खतरा

ई-सिगरेट से बना लीजिए दूरी, वरना फेफड़ों के साथ ही गले के कैंसर का रहेगा खतरा

Date: Nov 29, 2024

By: Mansi Yadav, Bharatraftar

ई-सिगरेट क्या है?

ई-सिगरेट यानी इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बैटरी के जरिए चलने वाला एक डिवाइस होता है, जिसमें निकोटिन के साथ ही केमिकल्स के घोल भरे होते हैं| ई-सिगरेट की कश खींचने पर धुएं की जगह भाप अंदर प्रवेश करती है|

फेफड़ों को नुकसान

ई-सिगरेट में निकोटिन के साथ ही फ्लेवेरिंग के लिए खुशबू वाले केमिकल्स भरे होते हैं| यह केमिकल जब गर्म होते हैं तो कस खींचने पर सांस के साथ फेफड़ों में प्रवेश करते हैं, जिससे फेफड़ों के कैंसर की आशंका बढ़ सकती है|

प्रेग्नेंसी में हानिकारक

ई-सिगरेट में धुएं की जगह भाप होती है, इस भाप का गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा असर पड़ता है| वहीं ई सिगरेट को छोटे बच्चों के आस-पास पीना ठीक नहीं होता|

हार्ट को खतरा

ई-सिगरेट में मौजूद फ्लेवेरिंग से रक्त संचार प्रभावित होता है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है| 

निकोटीन की लत

लगभग सभी तरह के वेप में निकोटीन जरूर मौजूद होता है| रोज अगर वेप का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे आपको लत लग सकती है। निकोटीन की लत सेहत के लिए ठीक साबित नहीं होती।

मुंह या गले का कैंसर

 लंबे समय तक वेप का इस्तेमाल करने से शरीर में टॉक्सिक पदार्थ के साथ कई नुकसान करने वाले केमिकल्स जमा होने लगते हैं। वेपिंग की आदत मुंह के कैंसर, जबान के कैंसर या फिर गले के कैंसर का खतरा बढ़ाती है।

Next: अगर आप भी नेल एक्सटेंशन करवाती हैं तो इन बातों का रखे ख्याल

Find out More..