पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा क्यों होता है स्ट्रोक का खतरा?

पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा क्यों होता है स्ट्रोक का खतरा?

Date: Nov 04, 2024

By: Mansi Yadav, Bharatraftar

महिलाओं में स्ट्रोक का खतरा

महिलाओं में स्ट्रोक का खतरा पुरुषों की तुलना में अधिक होता है| इसके लिए कई कारक जिम्मेदार हैं| इसमें मुख्य रूप से जीवनशैली की आदतों से लेकर स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे शामिल हैं| 

हाई ब्लड प्रेशर

स्ट्रोक का एक बड़ा कारण हाई बीपी की कंडीशन है जो महिलाओं में स्ट्रोक का रिस्क बढ़ा देता है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक, 3 में से 1 महिला को हाई बीपी की समस्या पायी जाती है| 

बढ़ती उम्र

महिलाओं में उम्र बढ़ने के कारण भी स्ट्रोक का रिस्क बढ़ सकता है। इसीलिए, उम्र बढ़ जाने के बाद उनमें कई अन्य बीमारियों के साथ-साथ रिस्क का खतरा भी बढ़ सकता है|

माइग्रेन

माइग्रेन की समस्या महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक देखी जाती है। इसके कई कारण होते हैं जैसे हार्मोन्स, थकान, कमजोरी और तनाव। माइग्रेन का सिरदर्द बार-बार होने से महिलाओं में स्ट्रोक का रिस्क बढ़ जाता है।

बर्थ कंट्रोल पिल्स

बहुत सी महिलाएं जो गर्भनिरोधक गोलियां खाती हैं उनमें स्ट्रोक का रिस्क बढ़ सकता है। वहीं, मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की मदद ली जाती है। इससे स्ट्रोक का रिस्क बढ़ सकता है।

डायबिटीज

डायबिटीज भी महिलाओं में स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाता है. ब्लड शुगर के बढ़ने पर खून की नलियां डैमेज होने लगती है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ने से स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है| 

धूम्रपान और शराब का सेवन

धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन भी महिलाओं में स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है| ये आदतें भी खून की नलियों को कमजोर बनाते हैं, जो स्ट्रोक का कारण बनते हैं| 

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