पढ़ाई में नहीं लग रहा बच्चे का मन, इन वास्तु टिप्स से डिजाइन करें स्टडी रूम

पढ़ाई में नहीं लग रहा बच्चे का मन, इन वास्तु टिप्स से डिजाइन करें स्टडी रूम

Date: Aug 27, 2024

By: Mansi Yadav, Bharatraftar

स्टडी रूम

अगर आपके बच्चे का भी पढ़ाई में पूर्णरूप से ध्यान नहीं लग पाता है, तो वास्तु शास्त्र के कुछ नियमों के अनुसार उनका स्टडी रूम डिजाइन करना चाहिए।

स्टडी रूम की दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार अधिक एकाग्रता के लिए घर में स्टडी रूम उत्तर या फिर पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए| यदि ऐसा संभव न हो तो पूर्व दिशा या उत्तर दिशा में भी बनाया जा सकता है,लेकिन दक्षिण दिशा में स्टडी रूम कभी नहीं बनाना चाहिए।

सामान

पढ़ाई का माहौल बना रहे और ध्यान कम भटके इस कारण स्टडी रूम में कम-से-कम सामान रखने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ज्यादा आराम वाले फर्निचर ध्यान को भटकाने का काम करते हैं।

अनावश्यक चीजें तुरंत हटा दें

स्टडी रूम में उतना ही सामान रखे, जितना आवश्यक हो और इस रूम में टीवी जैसी चीजें जो बहुत अधिक ध्यान भटकाने वाली होती है, वो भी नहीं लगानी चाहिए। पढ़ाई की टेबल पर आवश्यक सामग्री ही होनी चाहिए अनावश्यक चीजों को तुरंत हटा देना चाहिए,वरना पढ़ाई के समय मन भटक सकता है |

किन चीजों से सजाना चाहिए?

वास्तु शास्त्र के अनुसार स्टडी रूम को ऐसी चीजों से सजाना चाहिए, जो मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करें| आप स्टडी रूम में भगवान की मूर्ति या फिर ऐसे पौधों को रख सकते हैं, जिनमें सकारात्मक ऊर्जा होती है।

दीवारों का रंग

वास्तु शास्त्र के अनुसार स्टडी रूम की दीवारों को हल्के रंग का होना चाहिए, आप नीले और हल्के पीले रंगों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस रुम में पीले नीले और हरे जैसे शांत रंगों का प्रयोग करें | इससे चित्त शांत रहता है और पढ़ाई में मन लगा रहता है |

पढ़ने का समय

ब्रह्म मुहूर्त पढ़ने का समय सबसे अच्छा समय होता है | सूर्योदय से पहले यानी सुबह 4.30 बजे से सुबह 10 बजे तक पढ़ाई करना लाभदायक रहता है | रात को अधिक देर तक पढ़ना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।

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