शगुन से लेकर पूजा पाठ में सिक्के की क्यों है इतनी वैल्यू? जानिए क्या है सिक्के का किस्सा

शगुन से लेकर पूजा पाठ में सिक्के की क्यों है इतनी वैल्यू? जानिए क्या है सिक्के का किस्सा

Date: Oct 30, 2024

By: Nitika Srivastava, Bharatraftar

सिक्के की पूजा और चलन

धनतेरस हो या दिवाली, लोग चांदी का सिक्का खरीदना शुभ मानते हैं. सिक्के की पूजा करने से लेकर मंदिर में चढ़ावे तक में इस्तेमाल किया जाता है.

मुगलकाल

बात मुगलकाल की करें तो, तब के समय में चांदी के सिक्के ही चला करते थे. जमाना बदलने के साथ सिक्के का रूप और आकार भी बदलता गया.

कम नहीं हुई अहमियत

भले ही सिक्के का रूप और आकार बदल गया हो, लेकिन इसकी अहमियत आज भी वैसे की वैसी ही है.

दुनिया भर की करेंसी

दुनिया भर में 180 तरह की करेंसी है. इसमें सभी सिक्के भी शामिल हैं. क्या आपको इन सिक्कों के बारे में पता है?

पहली बार सिक्कों का इस्तेमाल

4 हजार साल पहले सिक्कों का इस्तेमाल बेबीलोन सभ्यता में शुरू हुआ. इसे बनाने के लिए कई तरह की धातुओं का इस्तेमाल किया गया.

इस राजा ने किया पहले इस्तेमाल

सिक्कों का सबसे पहले इस्तेमाल लिडिया के राजा क्रोएसेस ने किया. बता दें कि, दुनिया का सबसे पुराना सिक्का लीडियन लॉयन है.

सिक्के पर मां लक्ष्मी

त्योहारों के मौके पर ज्यादातर मां लक्ष्मी के चित्र वाले सिक्के बिकते हैं. इस तरह का सिक्का सबसे पहले 1719 में कुषाण शासन में जारी किया गया.

1 के सिक्के का शगुन

सनातन धर्म में 1 के सिक्के का काफी ज्यादा महत्व है. शगुन 1 रुपए के बिना अधूरा रहता है.

सिक्के को लेकर मान्यता

ऐसी मान्यता है कि, एक रुपए के सिक्के में मां लक्ष्मी का वास होता है. किसी भी नोट में 1 का सिक्का लगा दिया जाए तो, इससे रकम विभाजित नहीं होती.

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