Dev Deepawali 2024: बनारस का अनूठा जल उत्सव देव दीपावली और गीत गंगा
Date: Oct 25, 2024
By: Ankita Srivastava, Bharatraftar
देव दीपावली
त्योहारों के सीजन का अंतिम उत्सव का आनंद काशी जाकर देव दीपावली मना कर उठाएं, गंगा में डुबकी लगाइए और श्रद्धा-भक्ति के दिव्य नजारों के दर्शन करें
काशी के अनूठे देव दीपावली
कार्तिक पूर्णिमा की शाम गंगा घाटों की सीढिय़ों से लेकर मढिय़ों तक दीया जगमगाते हैं, भवनों रंग-रोगन से दमक रहे तो विद्युत झालरों की आभा से चमक उठते हैं
श्रद्धा-भक्ति के दिव्य नजारे
कार्तिक मास में महादेव की नगरी का रंग कुछ अलग ही नजर आता है चारों तरफ त्यौहार की धूम होती है, धूप -दीप, गुगुल-लोबान की सुवास श्रद्धा के भाव को जगाते हैं
आखिर क्यों मनाते हैं देव दीपावली
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने त्रिपुर राक्षस का संहार किया था, इस खुशी में देवताओं ने देवदीपावली मनाई थी, तब से ये परंपरा चली आ रही है
स्मृति स्तंभ सरीखा हजारा
देवदीपावली से धर्मपरायण महारानी अहिल्याबाई होलकर का नाम जुड़ा है, ऐसा इसलिए कहा जाता है कि उनके ही बनाये एक हजारा दीपस्तंभ से पंचगंगाघाट पर देवदीपावली मनाई गई थी तब से ये प्रथा चलती आ रही
पुरखों की अभ्यर्थना और गीत गंगा
पुरखा और शहीदों की यादों ने देव दीपावली को लोगों के दिलों से जोड़ा है इस दिन शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी जाती है
शहीदों के नाम आकाशदीप
कार्तिक एकादशी से राजघाट पर चार दिवसीय गंगा महोत्सव मनाया जाता है, कार्तिक के पहले दिन से शहीदों के नाम आकाशदीप जलाए जाते हैैं और पूर्णिमा पर समारोह पूर्वक समापन किया जाता है
होटलों में रौनक
देव दीपावली के खास मौके पर देश-विदेश से सैलानियों का आना शुरू हो जाता है ऐसे में होटल की बुकिंग महीना पहले से ही शुरू हो जाती है.
घाटों पर सजेंगे लाखों दिये
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन घाटों पर देवता स्नान करने आते हैं, देवताओं के स्वागत के लिए घाटों पर दिये जलाए जाते हैं
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