सतयुग की दीपावली
जब देवता और दानवों के बीच समुद्र मंथन हुआ तो इस महा अभियान से ही ऐरावत, चंद्रमा, उच्चैश्रवा, परिजात, वारुणी, रंभा आदि 14 रत्न और हलाहल विष भी निकला और अमृत घट लिए धन्वंतरि भी प्रकट हुए, इसके अलावा इसी महामंथन से मां लक्ष्मी भी प्रकट हुई, और सारे देवी देवताओं ने मिलकर उनके स्वागत में दिवाली मनाई, तब से दिवाली मनाने की प्रथा चली आ रही है