Diwali 2024: दिवाली की रात दीए से क्यों बनाया जाता है काजल? अजब सी है परंपरा, जानिए धार्मिक और वैज्ञानिक कनेक्शन
Date: Oct 24, 2024
By: Nitika Srivastava, Bharatraftar
दिवाली
दिवाली को पूरे देशभर में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. खुशियों और रोशनी के इस त्यौहार को लेकर भी कई सारी परंपराएं हैं.
त्यौहार की परंपरा
हर त्यौहार की अपनी अलग परंपरा होती है. जिसे हम बिना जानकारी के निभाते हैं. दिवाली की रात काजल बनाना भी उन्हीं परम्पराओं में से एक है.
दिए से काजल बनाना
दिवाली की रात दीए से काजल बनाया जाता है. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है? इसके पीछे छुपे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण क्या हैं?
काजल से जुड़ी परंपरा
भारत के ज्यादातर घरों में दिवाली की रात दीए से काजल बनाने की परंपरा है. इस परंपरा को विशेष महत्व दिया गया है.
सदस्यों को लगाया जाता है काजल
दिवाली की रात पूजा के बाद दीए की लौ से काजल बनाया जाता है. जिसके बाद घर के सभी सदस्यों की आंखों में लगाया जाता है.
जानिए धार्मिक पहलू
ऐसी मान्यता है कि इस काजल को लगाने के बाद घर के सदस्यों का नकारात्मकता और बुराई से बचाव होता है.
खुल जाता है भाग्य
इस काजल को लगाने से भाग्य खुल जाता है. और घर में सुख समृद्धि आती है. इस काजल को घर के चूल्हे, अलमारी और तिजोरी पर भी लगाया जाता है.
जानिए वैज्ञानिक पहलू
दिवाली की रात दिए से बने काजल को लगाने से कई वैज्ञानिक लाभ भी मिलते हैं. इस काजल को लगाने से हमारी आंखें पटाखों से होने वाले प्रदूषण से बची रहती हैं.
तरीका
दिए से काजल बनाने के लिए सबसे पहले सरसों के तेल का दीपक जलाएं. फिर उसके ऊपर किसी धातु की प्लेट या मिट्टी का दीया आधा रखें. दीए से निकली कालिख को घी में मिलाकर काजल तैयार कर लें.
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