बच्चा बिना रुई स्कूल जाए ऐसा हर पेरेंट्स का सपना होता है. कभी-कभी बच्चे स्कूल देखते ही रोना शुरू कर देते हैं. लेकिन ऐसा क्यों?
रोने का कारण
बच्चों के रोने का कारण कहीं ना कहीं खुद पेरेंट्स ही होते हैं. क्योंकि वो बचपन से ही बच्चों के मन में स्कूल और टीचर का डर बैठा देते हैं.
ये तरीके काम के
आज हम आपको कुछ ऐसा तरीके बताएंगे जिनकी मदद से आप अपने बच्चे के बिना रोए ही स्कूल भेज पाएंगे.
सही उम्र
स्कूल भेजने की सही उम्र ढाई साल होती है. इस उम्र में बच्चों को स्कूल भेजने से वह अपनी बेसिक चीजों के बारे में बताने लगता है.
पेरेंट्स रहें एक्साइटेड
बच्चों को स्कूल भेजने से पहले जरूरी है कि पेरेंट्स खुद एक्साइटेड रहें. ताकि बच्चे का कॉन्फिडेंस भी बढ़ जाए.
प्ले स्कूल भेजना जरूरी
बच्चों को प्ले स्कूल भेजना बेहद जरूरी है. इससे वह खुद को खोल पाएगा.
बच्चों से करें अच्छी बातें
बच्चों को स्कूल और टीचर के नाम पर कभी ना डराएं. उससे अच्छी अच्छी बातें करें. और उसको बताएं कि स्कूल जाने पर कितना मजा आएगा.
बच्चे के साथ करें शॉपिंग
बच्चों के स्कूल जाने से पहले उसे अपने साथ शॉपिंग करने ले जाएं. जिसमें वो अपने मनपसंद वाटर बॉटल, शूज, बैग, लंच बॉक्स और पेंसिल बॉक्स जैसी चीजों को खरीद सके. ऐसा करने से बच्चे स्कूल जाने के लिए एक्साइटेड रहेंगे.
पहले ही घुमा दे स्कूल
कोशिश करें कि बच्चों को स्कूल भेजने से पहले उसे खेल-खेल में पहले से ही स्कूल घूम कर ले आएं. जिससे उसके मन में स्कूल जाने का डर गायब हो जाए.
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