घेवर के बिना अधूरा है रक्षाबंधन का त्योहार, जानिए इससे जुड़ा इतिहास

घेवर के बिना अधूरा है रक्षाबंधन का त्योहार, जानिए इससे जुड़ा इतिहास

Date: Jul 14, 2024

By: Nitika Srivastava, Bharatraftar

मानसून वाली मिठाई

मानसून में घेवर खाने का अपना अलग ही महत्व है घी से बनी इस मिठाई को काफी लोग शौक से खाते हैं.

रक्षाबंधन और घेवर

राजस्थान की मशहूर इस मिठाई के बिना तीज और रक्षाबंधन का त्योहार अधूरा माना जाता है.

घेवर से जुड़ी परंपरा

ऐसा माना जाता है कि जब महिलाएं रक्षाबंधन में इस मिठाई को अपने मायके लेकर जाती हैं.  घेवर को राजस्थान और ब्रिटिश क्षेत्र की प्रमुख पारंपरिक मिठाई माना जाता है. 

घेवर का इतिहास

इसके इतिहास की बात करें तो इसके उत्पत्ति को लेकर ऐसी कोई भी जानकारी स्पष्ट नहीं है. इसके आविष्कार को लेकर कई सारी कहानियां प्रचलित हैं.

घेवर की उत्पत्ति

घेवर भारत में पर्शिया से आया था लेकिन इसकी भी स्पष्ट जानकारी नहीं है. वहीं राजस्थान के कुछ मिठाई वालों की मानें तो, इसे ईरान की एक मिठाई से प्रेरित होकर बनाया गया.

इम्यूनिटी बूस्टर

इस मिठाई को इम्यूनिटी बूस्टर कहा जाता है देखने में बिल्कुल मधुमक्खी के छत्ते जैसी नजर आती है.

घेवर का अंग्रेजी नाम

घेवर को इंग्लिश में हनीकॉम्ब डेटर्ट कहा जाता है.

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