दुल्हन के सिर के बीचों बीच ही क्यों किया जाता है सिंदूर दान? जानिए रस्म के पीछे छुपी असल वजह
Date: Nov 25, 2024
By: Nitika Srivastava, Bharatraftar
विवाह संस्कार
हिंदू धर्म में विवाह संस्कार सबसे महत्वपूर्ण संस्कार है. इसमें वर और वधु का गठबंधन होता है. धर्म में इस संस्कार को एक यज्ञ के समान का दर्जा दिया गया है.
महत्वपूर्ण रस्में
विवाह के दौरान कई महत्वपूर्ण रस्में की जाती हैं. जिसमें से एक है सिंदूरदान की रस्म. पहली बार भगवान शिव ने माता पार्वती की मांग में सिंदूर भरा था.
अखंड सौभाग्य का प्रतीक
हिंदू धर्म में सिंदूर को अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. सिंदूर लगाने से पति पत्नी का साथ सात जन्मोंबतक बंध जाता है.
सिंदूरदान की रस्म
सिंदूर दान की रस्म को परदे में पूरी की जाती है. इस दौरान मंत्रों के बीच वर वधु की मांग में सिंदूर भरता है.
क्या है वजह?
सिंदूर अखंड सौभाग्य का प्रतीक होता है. इस दौरान वर और वधु एक दूसरे को देखते हैं, और पति पत्नी के रूप में एक दूसरे को स्वीकारते हैं.
सिर के बीच में क्यों भरते हैं सिंदूर?
पहली बार वर वधु की मांग के बीचों बीच ही सिंदूर भरता है. वैज्ञानिक नजरिए से देखा जाए तो हमारे सिर के बीचों बीच 7 चक्र होते हैं. जिसका नियंत्रण सिर से होता है.
सूर्य होता है मजबूत
सिंदूर भरने से सूर्य मजबूत होता है. जो मांग के पिछले हिस्से में मौजूद होता है. वहीं मंगल का रंग लाल होता है. जिस वजह से इसे शुभ माना जाता है.
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