एक गलती से हुई चाय की खोज, जानें इसका दिलचस्प इतिहास

एक गलती से हुई चाय की खोज, जानें इसका दिलचस्प इतिहास

Date: Nov 19, 2024

By: Mansi Yadav, Bharatraftar

चाय

चाय हमारे दिनचर्या का एक अहम हिस्सा है। हम से बहुत लोगों को यह लगता है कि चाय का इतिहास भारत से ही जुड़ा है| जानते है इसका इतिहास| 

चीन से जुड़ा इतिहास

 चाय का इतिहास ब्रिटेन से नहीं, बल्कि चीन से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि चाय का आविष्कार 2732 ईसा पूर्व में चीन के शासक शेंग नुंग ने एक अनजाने से हुए प्रयोग के दौरान किया था। 

गलती से हुआ आविष्कार

कहते हैं कि गलती से जंगली पौधे की पत्तियों को उबलते पानी में गिरा दिया था और तभी उन्हें एक अद्भुत खुशबू महसूस हुई। पानी का रंग भी बदल गया था|

इस तरह भारत पहुंची चाय

यूरोप, मध्य पूर्व और चीन के साथ व्यापार मार्गों के चलते भारतीय शहरों में चाय पीने के प्रमाण मिलते हैं। 17वीं सदी के अंत में गुजरात के शहर सूरत में लोग पेट दर्द और सिरदर्द जैसी बीमारियों के लिए चीन से आयातित चाय का इस्तेमाल करते थे।

भारतीयों ने किया बदलाव

भारतीयों ने चाय बनाने का अपना अनूठा तरीका निकाला। उन्होंने चाय की पत्तियों को सीधे पानी या दूध में उबालना पसंद किया, ना कि उबले हुए पानी में डालना। ब्रिटिशों से दूध और चीनी मिलाने का तरीका जरूर सीखा, लेकिन भारतीयों ने इसमें अपना बदलाव किया। 

चाय की कई किस्में

दार्जिलिंग से लेकर असम, मुन्नार, कांगड़ा चाय तक, हमारे देश में चाय की कई मशहूर किस्में उगाई जाती है| 

बौद्ध भिक्षुओं से जुड़ी कहानी

 बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बोधिधर्म में बिना सोए प्रार्थना की जाती थी और इस दौरान जागे रहने के लिए वह एक खास किस्म की पत्तियों को चबाया करते थे और बाद में यह चाय के पौधे के रूप में जाना गया| 

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