आटे के दीये से जुड़ी है खास बात, जानिए जलाने का महत्व

आटे के दीये से जुड़ी है खास बात, जानिए जलाने का महत्व

Date: Jul 22, 2024

By: Nitika Srivastava, Bharatraftar

आटे का दिया

वैसे तो दीये कई तरीके के और कई धातु के होते हैं. जिनका अपना अलग-अलग महत्व होता है. इन सभी दीयों के अलावा आटे के दीये का अपना अलग ही महत्व होता है. 

आटे के दीपक से जुड़ी खास बात

आज हम आपको आते के दीपक से जुड़ी खास बातें और उससे जुड़े महत्व के बारे में बताएंगे. 

कब जलाया जाता है आटा का दीया

जब किसी की बहुत बड़ी मनोकामना पूरी हो जाती है तो, वो आटे का दिया बनाकर जलता है.

धार्मिक काम

धार्मिक कामों में या पूजा पाठ में लोग आरती की थाली में आटे का दीया बनाकर और उसे सजाकर जलाते हैं.

मन्नत के लिए

मन्नत के लिए आटे का दीया बनाया जाता है. अगर आपने किसी चीज की मन्नत मांगी है तो आटे का दीया जलाएं.

मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद

आटे के दीये का अपना अलग महत्व है. आटे का दीया जलाने से मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद बना रहता है.

देवी देवता होते हैं खुश

आटे का दीया जलाने से महादेव, मां लक्ष्मी, हनुमान जी, कृष्ण जी और मां दुर्गा देवी प्रसन्न होकर मनोकामना पूरी करती हैं.

जलाने का सही तरीका

आटे के दीये को घटती बढ़ती संख्या में जलाना चाहिए. आप इसकी शुरुआत 11 दीपक जलाने से कर सकते हैं और फिर धीरे-धीरे 10, 9, 8, 7, 6 तक जा सकते हैं.

खंडित ना हो दीपक

ऐसा कई बार होता है कि दीपक की संख्या पूरी होने से पहले ही मन्नत पूरी हो जाती है. ऐसे में दीपक की संख्या को बिल्कुल भी खंडित नहीं करना चाहिए. 

इस बात का रखें ख्याल

आटे का दीपक जलाते वक्त जो भी देवी या देवता को मानकर दीपक जलाना चाहते हैं तो उनसे जुड़े हुए दिन से शुरुआत करें. शिवजी या दुर्गा जी के लिए सोमवार या शुक्रवार और हनुमान जी के लिए शनिवार या मंगलवार को दीपक जलाएं.

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