नवजात बच्चों को सरसों की तकिया पर क्यों सुलाया जाता है? यहां मिलेगा जवाब
Date: Nov 18, 2024
By: Mansi Yadav, Bharatraftar
सरसों की तकिया
शिशु के जन्म से लेकर 6 माह के होने तक बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। क्योंकि इसी समय थोड़ी सावधानी बरत कर शिशुओं के अंगों को सही आकार दिया जा सकता है। ऐसे में सरसों की तकिया बड़ी काम आती है|
भरे होते सरसों के बीज
नवजात शिशु के लिए तकिए में सरसों के बीज भरे जाते हैं। इसका कपड़ा बहुत मुलायम और ब्रीदेबल होना चाहिए और इसे ऐसे तैयार किया जाना चाहिए कि शिशु के सिर के चारों ओर आ सके|
सिर और गर्दन को सुरक्षित रखे
सरसों का तकिया लगाने से बच्चे का सिर और गर्दन सुरक्षित रहते हैं| बच्चे के मूवमेंट करने पर जहां उसकी सिर के पिछले हिस्से की नाजुक त्वचा छिलने से बचती है तो वहीं उसकी गर्दन में भी मोच आने का डर नहीं रहता है|
आरामदायक
बाक़ी तकियों की अपेक्षा सरसों का तकिया बच्चे के लिए काफी आरामदायक होता है| इस पर बच्चे को नींद अच्छी आती है. साथ ही ये बच्चे के सिर के मूवमेंट के हिसाब से खुद एडजेस्ट होता रहता है|
सिर का शेप सही रहता
सरसों का तकिया लगाने से बच्चे के सिर का शेप सही रहता है और शेप बिगड़ने की दिक्कत आगे भी नहीं होती है|
सर्दी-ज़ुकाम से बचाव
सरसों प्राकर्तिक रूप से काफी गर्म तासीर वाली होती है. इस वजह से सरसों का तकिया लगाने से बच्चों को जल्दी सर्दी-ज़ुकाम नहीं होता है|
खुद हो जाती एडजस्ट
बच्चे थोड़ी-थोड़ी देर पर करवट बदलते रहते हैं। इस स्थिति में भी यह तकिया फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि करवट लेते समय यह तकिया बच्चे के सिर के हिसाब से एडजस्ट हो जाता है।
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