करवा चौथ के दिन सुहागिन औरतें क्यों करती हैं 16 श्रृंगार ? जानें हर श्रृंगार का महत्व

करवा चौथ के दिन सुहागिन औरतें क्यों करती हैं 16 श्रृंगार ? जानें हर श्रृंगार का महत्व

Date: Sep 28, 2024

By: Mansi Yadav, Bharatraftar

सोलह श्रृंगार का महत्व

सोलह श्रृंगार एक सुहागिन महिला के लिए होता है। सोलह श्रृंगार महिला के सिर से लेकर पैरों तक सजने की चीज है। हिंदू पुराणों के अनुसार, जो महिलाएं शादी के बाद सोलह श्रृंगार करती है, उनके घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है|। मान्यता है जो महिला घर में सोलह श्रृंगार करके रहती है, उसे मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

स्नान

श्रृंगार का प्रथम चरण है स्नान, कोई भी श्रृंगार करने से पूर्व नियम  स्नान करते हैं| स्नान में शिकाकाई, भृंगराज, आंवला, उबटन और अन्य कई सामग्रियां मिलाते हैं, तब वस्त्र धारण करते है|

बिंदी

सुहागिन कुमकुम की बिंदी पवित्र और गुरु के बल को बढ़ाने वाली मानी जाती है, जिसे माथे में लगाया जाता है| ऐसा कहा जाता है कि सिंदूर लगाने से पति की आयु लंबी होती है|

काजल

काजल न सिर्फ आंखों की सुंदरता बढ़ाता है, बल्कि मंगल दोष से मुक्ति दिलाता है|  साथ ही काजल बुरी नजर से भी बचाए रखता है|

मेहंदी

हाथों की सुंदरता बढ़ाने वाली मेहंदी न सिर्फ सुंदरता बढ़ाती है, बल्कि काफी शुभ मानी जाती है| इससे पति के प्रेम में बढ़ोतरी होती है| मेहंदी के बिना हर सुहागन स्त्री का श्रृंगार अधूरा माना है|

चूड़ियां

लाल हरी चूड़ियां सुहाग, खुशहाली और समृद्धि की प्रतीक होती हैं. चूड़ियां सुहाग का प्रतीक मानी जाती हैं| हाथों में कंगन या चूड़ियां पहनने से शरीर में खून चलता रहता है|शरीर में हार्मोन ठीक रहता है.

मंगलसूत्र

पति-पत्नी को रिश्ते में बांधने वाला मंगलसूत्र काफी पवित्र माना जाता है| इसके काले मोती बुरी नजर से रक्षा करते हैं|

नथ

हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं की नाक में कोई न कई आभूषण पहनना जरूरी माना जाता है, इसलिए स्त्रियां अक्सर नाक में नोज पिन पहनती है|

गजरा

बालों का श्रृंगार करने के लिए महिलाएं बालों को गजरे से सजाती है, जिसकी खुशबू से त्यौहार में और उमंग का माहौल बन जाता है|

बेंदी

यह माथे में मांग के बीचो बीच पहनी जाती है| ऐसा माना जाता है कि नववधू को मांग टीका सिर के बीचो-बीच इसलिए पहनाया जाता है,ताकि वह शादी के बाद हमेशा अपने जीवनसाथी के साथ सही और सीधे रास्ते पर चलती रहे|

झुमके

 इनके धारण मात्र से राहु और केतु दोष दूर होता है| इन्हें ससुराल की बुराई न सुनने और कहने का साधन भी माना जाता है|

बाजूबंद

ये सोने या चांदी का सुंदर सा कड़े की आकृति का जेवर होता है, जो बाजू में पहना जाता है| इससे परिवार के धन और समृद्धि की रक्षा होती है|

कमरबंद

ये कमर में पहने जाने वाला आभूषण है, जिसे स्त्रियां विवाह के बाद पहनती हैं| इसमें नववधू चाबियों का गुच्छा अपनी कमर में लटका कर रखती है| कमरबंद प्रतीक होता है कि सुहागन अब अपने घर की स्वामिनी है|

बिछिया

बिछिया पैर की उंगलियों में पहनी जाती है| यह शनि और सूर्य दोष से मुक्ति दिलाती है| यह महिलाओं के आगे बढ़ने और साहस का प्रतीक भी मानी जाती है|

लाल जोड़ा

आमतौर से शादी के वक्त दुल्हन को शादी का लाल जोड़ा पहनाया जाता है| करवा चौथ पर भी सुहागिनों को लाल जोड़ा या शादी का जोड़ा पहनने का रिवाज है|

अंगूठी

यह विवाहित पुरुष या स्त्री का प्रतीक चिन्ह है| सगाई के दौरान पति-पत्नी एक दूसरे को पहनाते हैं|

सिंदूर

सुहागवती महिलाओं का पहला और महत्वपूर्ण श्रृंगार सिंदूर होता है| यही सुहाग की पहली पहचान होती है| मान्यता है कि इसे लगाने से पति की आयु में वृद्धि होती है| 

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