लिट्टी-चोखा को क्यों कहा जाता है फूड फॉर सर्वाइवल , जानें इतिहास
Date: Oct 16, 2024
By: Mansi Yadav, Bharatraftar
लिट्टी-चोखा
लिट्टी-चोखा बिहार का फेमस व्यंजन है, जिसे लोग बड़े शौक से खाते हैं। इसे गेंहू के आटे में सत्तू को भरकर आग में पकाया जाता है। इसके बाद, इसे देसी घी में डुबोकर सर्व किया जाता है। वहीं, इसके साथ लोग बैंगन का चोखा खाना पसंद करते हैं।
लिट्टी-चोखा का इतिहास
लिट्टी-चोखा का इतिहास बेहद दिलचस्प रहा है। कहा जाता है कि इसका इतिहास मगध काल से जुड़ा हुआ है क्योंकि लिट्टी का प्रचलन मगध साम्राज्य में बड़ा था और इसका सेवन किया जाता था।
मुगलकाल से जुड़ा इतिहास
मगध काल के अलावा, मुगलकाल में लिट्टी-चोखा को बढ़ावा और नया स्वाद देने में बड़ा योगदान है। कहा जाता है कि मुगलकाल में लोग इसे मांसाहारी बनाकर खाया करते थे। इसे लोग मांसाहारी या फिर मांसाहारी पाया के साथ खाना ज्यादा पसंद करने लगे|
फूड फॉर सर्वाइवल
इसे फूड फॉर सर्वाइवल भी कहा जाता है| कहा जाता है कि प्राचीन काल में इसे सैनिक युद्ध के दौरान खाया करते थे। क्योंकि इसकी खासियत है कि ये जल्दी खराब नहीं होता और खाने में हल्का भी होता है।
1857 के विद्रोह में जिक्र
1857 के विद्रोह में सैनिकों के लिट्टी चोखा खाने का जिक्र मिलता है| तात्या टोपे और रानी लक्ष्मी बाई ने इसे अपने सैनिकों के खाने के तौर पर चुना गया| इसमें पानी भी कम लगता है| सैनिकों को इससे लड़ने की ताकत मिलती| ये जल्दी खराब भी नहीं होता है|
कितने तरह के लिट्टी-चोखा?
आज के समय में आपको लिट्टी-चोखा की कई तरह की वैरायटी मिल जाएंगी जैसे- लिट्टी को आप वेज और नॉनवेज चोखा के साथ खा सकते हैं| इसे आप अपनी पसंद के हिसाब से बना सकते हैं|
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