कद्दू भात से क्यों होती है छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय की शुरुआत ? जानें रेसिपी

कद्दू भात से क्यों होती है छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय की शुरुआत ? जानें रेसिपी

Date: Nov 05, 2024

By: Mansi Yadav, Bharatraftar

छठ पूजा

छठ महापर्व की महिमा अपार है| इस पर्व की शुरुआत नहाए-खाए से होती है यानी कि छठ पूजा के पहले दिन नहाए-खाए और आखिरी दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है| पहले दिन नहाय खाय में चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण किया जाता है| 

कद्दू भात

नहाए-खाए के दिन कद्दू खाने के पीछे धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी है| कद्दू में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में पानी की कमी को दूर करता है| यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि छठ पूजा के दौरान श्रद्धालु 36 घंटे का निर्जला उपवास रखते हैं|

सामग्री

ताजा कद्दू, अदरक पेस्ट,लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, अमचूर, हींग, हरा धनिया कटा, मेथी दाना, हरी मिर्च, हल्दी, तेल, सेंधा नमक

स्टेप 1

इस सब्जी को बनाने के लिए सबसे पहले ताजा कद्दू लें| .कद्दू का ऊपरी मोटा छिलका छील लें |कद्दू को अच्छे से धोकर साफ चाकू से उसके चौकोर टुकड़े कर लें|

स्टेप 2

कड़ाही में तेल डालकर उसे मीडियम आंच पर गर्म करके उसमें मेथी दाना,तेज पत्ता , हींग, अदरक का पेस्ट, हरी मिर्च, हल्दी, धनिया पाउडर डालकर सारे मसालों को अच्छी तरह भून लें|

स्टेप 3

मसाला अच्छी तरह भुन जाने के बाद उसमें कद्दू के टुकड़े डालकर मसाले के साथ कद्दू को अच्छी तरह भूनें . 2-3 मिनट तक लगातार चलाते हुए सेंधा नमक- स्वादानुसार डालकर पकाएं|

स्टेप 4

आप कड़ाही की जगह प्रेशर कूकर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं . प्रेशर कूकर में कद्दू को दो से तीन सीटी लगाएं |जब कद्दू की सब्जी बन जाए तो उसे हरी धनिया पत्ती से सजायें |

कद्दू भात से क्यों होती शुरुआत ?

मान्यता है कि इस व्रत की शुरुआत कद्दू भात के बिना नहीं हो सकती| इस अवसर पर लहसुन और प्याज के बिना कद्दू, लौकी की सब्जी और चना दाल के साथ चावल बनाने का विधान है| यह माना जाता है कि व्रती के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए छठ के पहले दिन कद्दू का सेवन अच्छा होता है| 

नहाय खाय का महत्व

 इस दिन से छठ पूजा का व्रत शुरू होता है| स्नान और व्रत रखने से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं| नहाय खाय के दौरान पूरी तरह से शुद्ध रहना आवश्यक है| नहाय खाय के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है और भगवान सूर्य और छठी मैया की कृपा प्राप्त होती है| 

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