Halloween Day: कद्दू से क्यों बनाई जाती है डरावनी शक्ल, क्या है मान्यता?
Date: Oct 30, 2024
By: Mansi Yadav, Bharatraftar
हैलोवीन डे
ईसाई समुदाय में 31 अक्टूबर को सेल्टिक कैलेंडर का आखिरी दिन हैलोवीन डे के तौर पर माना जाता है| माना जाता है इस दिन भूतों के गेटअप में कपड़े पहनने से, भूतों की तरह तैयार होने से पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है|
हैलोवीन डे और कद्दू
इस दिन लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और कद्दू को अजीबोगरीब आकार में काटकर घर के बाहर सजाते हैं| दरअसल विदेशों में मान्यता है कि कद्दू बुरी आत्माओं और बुरी नजर से बचाता है|
कद्दू का क्या करते है?
इस दिन लोग एक खोखला कद्दू लेते हैं, जिसमें वह आंख, नाक और मुंह बनाते हैं और इसके अंदर एक मोमबत्ती रखी जाती है या लाइट जला देते हैं| इससे ये एक भूतिया चेहरे जैसा दिखाई देता है|
कद्दू की कहानी
19वीं शताब्दी में, जब बहुत सारे आयरिश अमेरिका में आकर बस गए, तो वे आत्माओं को डराने के लिए सब्जियों का उपयोग करने की हैलोवीन परंपरा लेकर आए|
कद्दू की खोज
कहा जाता है कि अमेरिका में आयरिश ने एक नई सब्जी कद्दू की खोज की, जिसे पतझड़ में काटा जाता है और बुरी आत्माओं को डराने के लिए इसका उपयोग करना शुरू कर दिया|
डरावनी शक्ल
आयरलैंड में सैकड़ों साल पहले, हैलोवीन परंपरा में आयरिश खेतों से गुजरने वाली बुरी आत्माओं को डराने के लिए कद्दू को जैक-ओ-लालटेन में तराश कर लगा देते थे। इसमें कद्दू को काटकर डरावनी शक्ल बनाई जाती थी और इसमें लालटेन डाल दिया जाता था।
भूतिया कपड़े
इस दिन लोग भूतिया कपड़े पहनते हैं और लोगों के घर जाकर कैंडी उपहार में देते हैं| हैलोवीन एक सेल्टिक त्योहार है और सदियों से आयरलैंड और स्कॉटलैंड में मनाया जाता था|
बुरी आत्माएं
किसानों की मान्यता के अनुसार इस दिन बुरी आत्माएं खेत में आकर उनकी फसल को नुकसान पहुंचा सकती हैं इसीलिए कद्दू में कैंडिल जाकर आत्माओं को रास्ता दिखाया जाता है|
Next: Diwali 2024: सीताफल से लड्डू बनाकर मां लक्ष्मी को करें खुश, सारी मनोकामनाएं हो जाएंगी पूरी