Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

Trending Web Stories और देखें
वेब स्टोरी

जो काम पुलिस और कोर्ट नहीं कर पाई, उसे समझौता वाले हनुमान बाबा मंदिर' ने कर दिखाया, पढ़िए ये खास रिपोर्ट

दोनों परिवारों के बीच रंजिश की शुरुआत खेत की सीमा पर चारा काटने को लेकर हुए झगड़े से हुई थी।

जो काम पुलिस और कोर्ट नहीं कर पाई, उसे समझौता वाले हनुमान बाबा मंदिर' ने कर दिखाया, पढ़िए ये खास रिपोर्ट

मध्य प्रदेश के जिला ग्वालियर में 'समझौता वाले हनुमान बाबा मंदिर' पर 2 परिवारों के बीच 8 साल पुराना विवाद चंद मिनटों में खत्म हो गया. इस मामले में पुलिस और कोर्ट भी सालों से अटकी हुई थी. विवाद सुलझने के बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के गले मिलकर माफी मांगी. पुलिस की मौजूदगी में एक-दूसरे से मिले और खीर और दाल-टिक्का का भोज भी किया.

ये भी पढ़िए- MP: खाना बनाने से किया इंकार तो कर दी हत्या, पुलिस भी हो गई हैरान, पढ़िए रिपोर्ट 

दोनों पक्षों के बीच विवाद जमीन, प्लॉट, मकान या पैसों को लेकर नहीं था. इतने सालों का विवाद सुलझने के बाद दोनों परिवारों के लोग बेहद खुश हैं. दोनों परिवार के लोग एक-दूसरे की जान के दुश्मन थे, वो एक हो गए. एसडीओपी बेहट सर्किल संतोष पटेल ने बताया है कि हस्तिनापुर के छोंदी गांव के निवासी गुर्जर बाहुल्य हैं. यहां रहने वाले रामलखन सिंह गुर्जर और शिवराज सिंह गुर्जर के गुटों में 8 साल से रंजिश थी।

कई बार हो चुके खूनी संघर्ष

दोनों परिवारों के बीच रंजिश की शुरुआत खेत की सीमा पर चारा काटने को लेकर हुए झगड़े से हुई थी। इसके बाद दोनों पक्षों की ओर से कई बार लाठी, डंडे और बंदूकों का इस्तेमाल हो चुका है। आठ साल में दोनों गुट 15 से 20 बार आमने-सामने आ चुके हैं। कई बार हो चुके खूनी संघर्ष में अब तक 20 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ 3 एफआईआर दर्ज कराई हैं। इस रंजिश को रोकने के लिए 14 बार निरोधात्मक कार्रवाई भी की गई। फिर भी यह विवाद खत्म नहीं हो रहा था। एक बार फिर दोनों गुट आमने-सामने आ गए और दोनों पक्षों में तनाव हो गया। इस रंजिश को खत्म करने के लिए पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाकर हनुमान जी मंदिर के सामने बैठाया। इसके बाद दोनों पक्षों की काउंसलिंग की गई। एक बार तो दोनों पक्षों में कहासुनी भी हुई, लेकिन जल्द ही दोनों पक्ष मान गए और अपनी दुश्मनी को दोस्ती में बदलने पर राजी हो गए।

दुश्मनी खत्म होकर दोस्ती शुरू

दोनों पक्षों के लोगों को एहसास हुआ कि पिछले आठ सालों में इस संघर्ष में उन्होंने क्या खोया है। इसके बाद दोनों पक्षों ने हनुमानजी के नाम पर संकल्प लिया कि वे अब कभी झगड़ा नहीं करेंगे। अपने बच्चों को पढ़ाएंगे और अच्छे संस्कार देंगे। इस दौरान दोनों पक्षों के लोगों ने एक-दूसरे से माफी मांगी और गले मिले। इतना ही नहीं, जब दुश्मनी खत्म होकर दोस्ती शुरू हुई तो उन्होंने एक साथ खीर और दाल-टिक्कड़ का भोज भी किया। इस मौके पर हस्तिनापुर थाने का पुलिस बल भी मौजूद रहा। इसके साथ ही खतरनाक होती जा रही पुरानी दुश्मनी पुलिस के सराहनीय प्रयास से दोस्ती में बदल गई।