स्टेशन मास्टर का 'ओके' बना जिंदगी का सबसे बड़ा ट्रैजेडी, रेलवे को हुआ करोड़ों का घाटा, 12 साल बाद मिली राहत
एक साधारण-से "ओके" शब्द ने भारतीय रेलवे के एक स्टेशन मास्टर की जिंदगी को अप्रत्याशित रूप से बदल डाला। इस छोटे से वाक्य के कारण न केवल उनकी नौकरी पर संकट आया, बल्कि उनकी निजी जिंदगी में भी उथल-पुथल मच गई।
भारतीय रेलवे के एक स्टेशन मास्टर की जिंदगी शेक्सपीयर के नाटकों की तरह एक ट्रैजिक कॉमेडी में बदल गई। इस घटना की शुरुआत हुई एक सामान्य-सी बातचीत से, जिसमें स्टेशन मास्टर ने एक शब्द 'ओके' कहा, जो आगे चलकर उनकी नौकरी और निजी जीवन में भारी संकट का कारण बन गया।
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क्या है पूरा मामला
कहानी 2011 में शुरू होती है, जब विशाखापट्टनम निवासी इस स्टेशन मास्टर की शादी दुर्ग, छत्तीसगढ़ की एक महिला से हुई थी। शादी के तुरंत बाद, उनकी पत्नी ने शादी में दिलचस्पी नहीं दिखाई क्योंकि वह किसी और के प्रति भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई थी। दोनों के बीच लगातार कलह शुरू हो गया, और पति-पत्नी के रिश्ते में तनाव गहराता चला गया। स्टेशन मास्टर ने रिश्ते को बचाने की कोशिशें कीं, लेकिन पत्नी अपने पुराने रिश्ते से अलग नहीं हो पाई।
पत्नी के फोन से हुआ करोड़ो का नुकसान1
एक दिन, स्टेशन मास्टर अपनी ड्यूटी पर थे, जब पत्नी का फोन आया। फोन पर बात करते हुए दोनों के बीच बहस शुरू हो गई, और स्टेशन मास्टर ने बात खत्म करते हुए कह दिया, "घर पर बात करेंगे, ओके?" उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनके माइक का बटन ऑन था, और "ओके" सुनते ही उनके सहकर्मी ने इसे ग्रीन सिग्नल समझ लिया। नतीजा यह हुआ कि एक मालगाड़ी को प्रतिबंधित रूट पर रवाना कर दिया गया, जिससे रेलवे को तीन करोड़ का नुकसान हुआ।
स्टेशन मास्टर हुआ सस्पेंड
इस घटना के कारण स्टेशन मास्टर को सस्पेंड कर दिया गया, और उनकी निजी जिंदगी में भी अशांति और बढ़ गई। उन्होंने तलाक के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया, लेकिन जवाब में उनकी पत्नी ने उन पर और उनके परिवार पर दहेज मांगने का आरोप लगाया। मामला जटिल होता चला गया और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से इसे दुर्ग की अदालत में स्थानांतरित किया गया।
कोर्ट ने 12 साल बाद दिया फैसला
हाल ही में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने मामले का फैसला किया, जिसमें पाया गया कि पत्नी के आरोप निराधार थे। कोर्ट ने उनके आचरण को ‘क्रूरता’ माना और स्टेशन मास्टर को तलाक देने का आदेश दिया। इस प्रकार, 12 साल की लंबी कानूनी लड़ाई और उतार-चढ़ाव के बाद, स्टेशन मास्टर को राहत मिली और उनका तलाक मंजूर किया गया।