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Owaisi ने की मोदी से डिमांड,'नेतन्याहू को समझाओ, सीजफायर कराओ', आखिर क्या है इसके मायनें? जानें यहां

फिलिस्तीन में बढ़ते इजरायली हमलों के बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी से गुजारिश की है कि वह नेतन्याहू को समझाकर सीजफायर कराएं। ओवैसी का मानना है कि पीएम मोदी इस संघर्ष को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

Owaisi ने की मोदी से डिमांड,'नेतन्याहू को समझाओ, सीजफायर कराओ', आखिर क्या है इसके मायनें?  जानें यहां

मिडिल ईस्ट में  जारी तनाव का असर अब भारत में देखने लगा है। कई विपक्षी नेता इजरायल और ईरान के युद्ध पर बयान दे चुके हैं। यहां तक लखनऊ-जम्मू कश्मीर समेत हिजबुल्ला के के कमांडर नसरुल्लाह के मारे जाने पर प्रदर्शन भी हुए थे। इसी बीच एआईएमआईएम प्रमुख असुदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान सामने आया है। जहां वह PM मोदी से गुजारिश करते नजर आए। उन्होंने कहा कि मोदी जी नेतन्याहू को कुछ समझाओ,सीजफायर कराओ। कुछ भी करो लेकिन बेकसूरों को बचा लो। आवैसीकी ये प्रतिक्रिया फिलीस्तीन में बढ़ते इजरायली हमले के बीच आई है। 

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पीएम मोदी से ओवैसी की गुजारिश 

बता दें, ओवैसी तेलंगाना के निजामाबाद में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान इजरायल और ईरान के बीच जारी तनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि, मोदी जी ने नेतन्याहू को फोन करो, उन्हें समझाओ। 15-16 लाख फिलीस्तीनी बेघर हैं। मैंने उनके हौसलों को देखा है इतना सब कुछ होने के बाद भी उन्हें मौत से डर नहीं है। कहा कि इजरायली पीएम चाहे जितनी कोशिश कर लें अगर फिलिस्तीन का एक बच्चा भी रहेगा तो वह पत्थर उठाकर अल्लाह हू अकबर ही कहेगा।

पीएम मोदी पर ओवैसी को विश्वास? 

गौरतलब है पीएम मोदी विश्वभर में अपनी अलग छवि रखते हैं। उनके व्यक्तिव से अमेरिका, फ्रांस, इजरायल नहीं बल्कि ईरान भी प्रभावित है। यही कारण है कि भारत एक ऐसा देश है जो दोनों देशों के प्रमुखों से बात करने करने में सफल हुआ है । यह भारत में यूक्रेन और रूस की जंग में कर कर दिखाया था। वहीं, अब दुनिया भी यही अपेक्षा कर रही है कि भारत इजरायल को समझाएं। ओवैसी के बयान से भी ऐसा ही कुछ प्रतीत होता है कि वह भी अब समझ चुके हैं कि पीएम मोदी फिलिस्तीन में जारी इस संघर्ष को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। 

गाजा में 41 हजार लोगों की मौत 

बता दें,7 अक्टूबर का दिन वही दिन है जब हमास ने इसराइल पर हमला बोला था। जिसके बाद इजरायल ने हमास के साथ हिजबुल्लाह को खत्म करने की कसम खाई है। यही वजह है इजरायली सेना न तो फिलीस्तीन को बख्श रही है और ना ही लेबनान को। वहीं, अब इस लड़ाई में ईरान भी कूद पड़ा है। मिडिल ईस्ट में लगातार टेशन बरकरार है। बहरहाल देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह जंग क्या मोड़ लेती है।