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नेपाल में दीवाली एक अनोखे रूप में मनाई जाती है, इस तरह से मनाया जाता है पांच दिनों का त्योहार

भारत और नेपाल में दिवाली का पर्व विशेष परंपराओं के साथ मनाया जाता है। हालांकि दोनों देशों में इस त्योहार का धार्मिक महत्व और रूप अलग है। भारत में इसे भगवान राम की अयोध्या वापसी से जोड़ा जाता है, जबकि नेपाल में इसे "तिहार" के नाम से मनाया जाता है, जिसमें देवी लक्ष्मी के साथ-साथ पशुओं की पूजा की जाती है। 

नेपाल में दीवाली एक अनोखे रूप में मनाई जाती है, इस तरह से मनाया जाता है पांच दिनों का त्योहार

दुनिया में दो ऐसे देश हैं जहां हिंदुओं की आबादी सबसे अधिक है और ये देश हैं भारत और नेपाल। दोनों देशों में दिवाली को बड़े ही धूमधाम और विशेष परंपराओं के साथ मनाया जाता है, हालांकि इस पर्व की प्रकृति और इसका धार्मिक अर्थ दोनों जगहों पर अलग है। भारत में जहां दिवाली मुख्य रूप से भगवान राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में मनाई जाती है, वहीं नेपाल में यह ‘तिहार’ के नाम से जाना जाता है और इस पर्व में देवी लक्ष्मी तथा विभिन्न जानवरों की पूजा की जाती है।

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नेपाल में पांच दिनों मनाई जाती है दिवाली

भारत और नेपाल में दिवाली का जश्न पांच दिनों तक चलता है। भारत में दिवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है और यह गोवर्धन पूजा तथा भाई दूज पर समाप्त होती है। नेपाल में तिहार की शुरुआत ‘काग तिहार’ से होती है और अंतिम दिन ‘भाई टीका’ के रूप में समाप्त होती है। नेपाल में हिंदुओं की आबादी करीब 80.6% है और यह दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू-बहुल देश है। हालांकि, कुछ साल पहले ही नेपाल ने अपने संविधान में बदलाव कर खुद को एक सेक्युलर राष्ट्र घोषित किया है, लेकिन इसके बावजूद वहां हिंदू संस्कृति का गहरा प्रभाव बना हुआ है।

पांच दिनों में क्या-क्या होता है

नेपाल में तिहार का पर्व पांच विशेष दिनों में विभाजित है, जिनमें हर दिन किसी विशेष जानवर को सम्मानित किया जाता है। पहले दिन कौओं की पूजा होती है, जिन्हें मृत्यु का संदेशवाहक माना जाता है। दूसरे दिन कुत्तों का सम्मान किया जाता है, जो यमराज के संरक्षक माने जाते हैं। तीसरे दिन गायों की पूजा होती है, जो वहां पवित्र मानी जाती हैं और इसी दिन लक्ष्मी पूजा भी होती है। चौथे दिन गोवर्धन पूजा के साथ बैलों का सम्मान किया जाता है और नेपाल के नेवार समुदाय के लिए यह नए साल की शुरुआत होती है। अंतिम दिन भाई टीका का पर्व होता है, जो भाई-बहन के संबंधों को और मजबूत करता है।

कैसे मनाया जाता है तिहार

तिहार के दौरान नेपाल में ‘देउसी भैलो’ गाना गाया जाता है, जिसमें बच्चे और युवा समूह पारंपरिक गीत गाकर मिठाई और उपहार प्राप्त करते हैं। रंगोली बनाई जाती है, जिससे घरों में समृद्धि और खुशहाली का स्वागत होता है। नेपाल सरकार ने तिहार के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध लगा रखा है, फिर भी रातों को रोशनी और आतिशबाजी का आयोजन देखा जा सकता है। नेपाल में दिवाली राम से नहीं, बल्कि प्रकृति, जानवरों और मानवता के सम्मान के साथ मनाई जाती है, जो इसे एक अलग पहचान देती है।