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क्या कांग्रेस सुनेगी मुस्लिम समुदाय की पुकार? Bharat Raftar के Exclusive Interview में गुढ़ा ने भरी हुंकार, देखें वीडियो

भारत रफ्तार के खास इंटरव्यू में पूर्व राजेंद्र सिंह गुढ़ा से खासबात की। इसमें राजेंद्र गुढ़ा ने झुंझुनू चुनाव के दौरान मुस्लिम समुदाय के कम प्रतिनिधित्व और कांग्रेस की आंतरिक राजनीति पर सवाल उठाए।

क्या कांग्रेस सुनेगी मुस्लिम समुदाय की पुकार? Bharat Raftar के Exclusive Interview में गुढ़ा ने भरी हुंकार, देखें वीडियो

राजेंद्र गुढ़ा ने खराब बुनियादी ढांचे, कांग्रेस और भाजपा द्वारा जनता के डर का फायदा उठाने, और स्थानीय नेताओं की जवाबदेही की कमी जैसे मुद्दों पर भी बात की। गुढ़ा ने सभी समुदायों के बेहतर राजनीतिक प्रतिनिधित्व और युवाओं की राजनीति में भागीदारी का आह्वान किया।

वीडियो देखिए – Rajendra Gudha का धाकड़ इंटरव्यू, Congress के लिए खड़ी कर रहे मुसीबत

राजेंद्र गुढ़ा के गंभीर आरोप

राजस्थान की राजनीति में हाशिये पर खड़े समुदायों की आवाज बनकर उभरे राजेंद्र गुढ़ा ने झुंझुनू के चुनावी माहौल में कई गंभीर मुद्दों को उठाया है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय के बड़े वोट बैंक होने के बावजूद पार्टी ने उनके प्रतिनिधित्व को नजरअंदाज किया है। गुढ़ा ने कांग्रेस के अंदरूनी कलह और खोए हुए अवसरों का जिक्र करते हुए पार्टी की कमजोर रणनीति पर सवाल उठाए।

जनता के डर की राजनीतिक फायदा

गुढ़ा ने झुंझुनू की बदहाल बुनियादी सुविधाओं, विशेषकर खराब सड़कों और जन सुरक्षा के मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया, जो स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही पार्टियों पर जनता के डर का राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप लगाया। गुढ़ा के अनुसार, दोनों ही दल मुद्दों का समाधान ढूंढने के बजाय सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काकर वोट हासिल करने में लगे हैं।

राजनीति में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील

गुढ़ा ने अपने पुराने राजनीतिक गठबंधनों और उनके प्रभावों का विश्लेषण करते हुए राजनीतिक समीकरणों की गहरी समझ का परिचय दिया। उन्होंने स्थानीय नेताओं की जवाबदेही पर जोर देते हुए कहा कि अगर जनता की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो लोग उनसे मुंह मोड़ लेंगे। गुढ़ा ने युवाओं से राजनीति में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की ताकि भविष्य की राजनीति को नई दिशा मिल सके। उन्होंने सभी समुदायों के एकता और बेहतर प्रतिनिधित्व की वकालत करते हुए एक समावेशी राजनीतिक वातावरण बनाने पर जोर दिया।