Rajasthan News: प्रशासनिक विफलता या राजनीतिक तकरार? नरेश के पक्ष में उतरी पांच पांडव की जोड़ी, बढ़ी सरकार की धड़कने !
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने नरेश मीणा के पक्ष में बयान देते हुए कहा, "मैं मार नहीं पाया, मेरा वाला काम नरेश ने कर दिया।" वहीं, युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी ने इसे प्रशासनिक विफलता करार दिया।
राजस्थान के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के सरावता गांव में हुई घटना ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने की घटना ने सबका ध्यान खींचा, लेकिन इस घटना से जुड़ी पुलिस की कार्रवाई ने इसे और गंभीर बना दिया।
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राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और प्रशासनिक तकरार
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने नरेश मीणा के पक्ष में बयान देते हुए कहा, "मैं मार नहीं पाया, मेरा वाला काम नरेश ने कर दिया।" वहीं, युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी ने इसे प्रशासनिक विफलता करार दिया। उनका कहना है कि पुलिस की तरफ से माहौल को बिगाड़ने की साजिश हुई। शांतिपूर्ण बैठी भीड़ पर आंसू गैस, लाठीचार्ज और गोलीबारी जैसी कार्रवाई ने सरकार की तानाशाही को उजागर किया।
रोत ने की घटना की निंदा
राजकुमार रोत ने भी अपने ट्वीट में इस घटना की निंदा की और शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर हुई कार्रवाई को गलत ठहराया। उन्होंने ये भी कहा कि निर्दोष लोगों को निशाना बनाना लोकतंत्र का अपमान है।
मीणा ने बुलंद की जनता के लिए आवाज
इस घटना के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने सरावता गांव की जनता के लिए आवाज बुलंद की और वादा किया कि रात के अंधेरे में जो अन्याय हुआ, उसका न्याय किया जाएगा। उन्होंने पुलिस और प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हुए दोषियों को सजा दिलाने की बात कही।
सरावता गांव की जनता को मिलेगा न्याय
हालांकि, नरेश मीणा के समर्थकों के प्रचार में आने का दावा पूरा नहीं हुआ। ये मामला अब राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और प्रशासनिक तकरार का केंद्र बन गया है। सवाल ये है कि क्या सरावता गांव की जनता को न्याय मिलेगा, या ये मामला भी राजनीतिक बहस में ही गुम हो जाएगा।