Sikar news: हनीट्रैप का नया तरीका! लिफ्ट मांगने के बहाने करती थी ये काम, सीकर में सनसनीखेज वारदात...
पैसे नहीं देने पर रेप जैसे केस में फंसाने की धमकी और जान से मारने की धमकी दी। बदमाशों के डराने और धमकाने के बाद 26 हजार रुपए बरकत ने ट्रांसफर किए।
सीकर पुलिस ने हनीट्रैप गैंग के 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी आपस में रिश्तेदार और परिचित है। पुलिस ने कॉन्स्टेबल को बोगस ग्राहक बनाकर भेजा था। इसके बाद महिलाओं को पकड़ा गया लेकिन बाकी लोग भाग गए। फिलहाल पुलिस इन आरोपियों से पूछताछ कर रही है। आज जिला पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने पूरे मामले का खुलासा किया। बता दें एक सितंबर को बरकत अली निवासी मुंडवाड़ा ने सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई की 31 अगस्त को सांवली सर्किल पर उन्हें दो लड़कियां मिली। जिन्होंने उनसे लिफ्ट मांगी, दोनों लड़कियों को अपनी गाड़ी में बैठा लिया। इसके बाद दोनों ने गाड़ी को किराए पर ले लिया और गाड़ी को कुंडलपुर की तरफ ले जाने को कहा। जैसे ही गाड़ी आगे पहुंची तो दोनों लड़कियों के साथी पांच पुरुष और एक अन्य महिला साथी वहां आए। जिन्होंने बरकत के साथ मारपीट की।
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गैंग से जुड़े लोगों ने बरकत से 10 लाख रुपए मांगे
पैसे नहीं देने पर रेप जैसे केस में फंसाने की धमकी और जान से मारने की धमकी दी। बदमाशों के डराने और धमकाने के बाद 26 हजार रुपए बरकत ने ट्रांसफर किए। इसके बाद बदमाश बरकत की गाड़ी को खराब होने के चलते खंडेला के पास ही छोड़कर चले गए। पुलिस के पास इस केस में कोई भी क्लू नहीं था। जिससे कि पुलिस सीधे आरोपियों तक पहुंच सके। ऐसे में पुलिस ने ह्यूमन इंटेलिजेंस के जरिए और परिवादी के मोबाइल नंबरों के आधार पर एक आरोपी की पहचान की। फिर पुलिस थाने के कांस्टेबल बाबूलाल को बोगस ग्राहक बनाया गया। महिला ने कांस्टेबल बाबूलाल को मिलने के लिए खाटू मोड़ पर बुलाया। गैंग से जुड़े लोगों को शक नहीं हो इसके लिए कांस्टेबल ने मिलने में कई बार आना कानी की और गैंग के बारे में अन्य जानकारी जुटाई। जब गैंग की महिला को विश्वास हुआ तो कांस्टेबल बाबूलाल सहित अन्य टीम को गिरफ्तारी के लिए भेजा गया।
इस तरह मामले में कुल सात आरोपी शंकरलाल बावरिया (22) निवासी मुंडवाड़ा, ममता बावरिया (25) निवासी नीमकाथाना, बबली बावरिया (19) निवासी कोटपूतली, अजीत कुमार बावरिया (21), गणेश उर्फ डूंगरिया बावरिया (38) रामकरण बावरिया (19), कृष्ण उर्फ टमका(20) को गिरफ्तार किया है।
सभी आपस में रिश्तेदार और परिचित
पुलिस इन्वेस्टिगेशन में सामने आया की गैंग से जुड़े सभी आरोपी आपस में रिश्तेदार और परिचित है। जो अलग-अलग इलाकों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से कांटेक्ट करके उन्हीं के परिचित लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। इनका रिश्तेदार ही गैंग को नंबर प्रोवाइड करवाता है। इसके बाद गैंग से जुड़ी महिलाएं उनसे बातचीत करके अपने जाल में फंसाती है और फिर उन्हें मिलने के लिए खाटूश्यामजी के पास बुलाती है। जब गैंग की महिला पीड़ित के साथ बैठती है तो गैंग से जुड़े अन्य लोग वहां आते हैं और मारपीट करके उन्हें लूट लेते हैं। इसके बाद उन्हें डरा धमकाकर पैसे भी वसूलते हैं। यहां तक कि गैंग के लोग अपने शिकार की गाड़ी और अन्य डॉक्यूमेंट भी साथ ले जाते हैं और उन्हें वापस देने के बदले भी रुपए वसूलते हैं। पुलिस पूछताछ में इस गैंग के द्वारा सीकर के अलावा नीमकाथाना, जयपुर,कोटपूतली और दौसा में भी इसी तरह की वारदात करना कबूला गया है। मारुति की गिरफ्तारी में सदर पुलिस थाने के हेड कांस्टेबल मुकेश और कांस्टेबल बाबूलाल की अहम भूमिका रही।