कनाडा में हिंदू मंदिर पर खालिस्तानी हमले की आलोक कुमार ने की निंदा, जस्टिन ट्रुडो की लोकप्रियता में आई गिरावट
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर खालिस्तानी समर्थकों के हमले की कड़ी निंदा की है। यह हमला भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कैम्प के दौरान हुआ, जबकि सुरक्षा की मांग को नजरअंदाज किया गया था।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए खालिस्तानी समर्थकों के हमले को घोर निंदनीय करार दिया है। यह घटना तब हुई जब भारतीय दूतावास ने वहां एक कैम्प का आयोजन किया था, जिसकी पूर्व सूचना कनाडा सरकार को तीन दिन पहले ही दी गई थी। इसके साथ ही दूतावास ने उचित सुरक्षा के लिए आग्रह भी किया था, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया।
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जस्टिन ट्रुडो का खोखला बयान
आलोक कुमार ने कहा कि 31 अक्टूबर को दीवाली के अवसर पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने अपने बयान में कहा था कि "इंडो-कैनेडियन कनाडा के सर्वश्रेष्ठ का प्रतिनिधित्व करते हैं," लेकिन इस हमले ने उनकी इस घोषणा को खोखला साबित कर दिया।
हिंदू मंदिरो में हुए हमले
उन्होंने कहा कि विहिप हमेशा हिंदू कनाडाई लोगों की सुरक्षा के लिए खड़ा रहेगा, ताकि वे स्वतंत्रता और गर्व के साथ अपने धर्म का पालन कर सकें। लेकिन कनाडा में मंदिरों पर हमले की यह पहली घटना नहीं है; इससे पहले भी ग्रेटर टोरंटो, ब्रिटिश कोलंबिया और ब्रैंपटन में हिंदू मंदिरों पर हमले हो चुके हैं।
सांसदों ने त्यागपत्र की मांग की
आलोक कुमार ने कहा कि कनाडा में जस्टिन ट्रुडो की लोकप्रियता में गिरावट आई है, और उनके ही सांसदों ने सार्वजनिक रूप से उनसे त्यागपत्र की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रुडो का खालिस्तानी समर्थक सांसदों के प्रति खुला समर्थन भारत-कनाडा संबंधों को बिगाड़ रहा है। कनाडा का यह रवैया लोकतंत्र, कानून का राज और धर्मनिरपेक्षता जैसे मूल सिद्धांतों का भी उल्लंघन कर रहा है।
आलोक कुमार ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि कनाडा की वर्तमान सरकार और खालिस्तानी समर्थकों को यह याद रखना चाहिए कि वहां के हिंदुओं को आत्मरक्षा का अधिकार है, और आवश्यकता पड़ने पर वे इसका प्रयोग करने से पीछे नहीं हटेंगे।