Barmer News: चर्चा में रहने वाली Tina Dabi एक्शन मोड पर, निजि क्लिनिक में मिले सरकारी डॉक्टरों को लगाई फटकार, छूटे पसीने
वहीं आज वो कई निजी क्लीनिकों का निरीक्षण करने पहुंचीं। सरकारी अस्पताल के कई डॉक्टर ड्यूटी समय में इस क्लीनिक में प्रैक्टिस करते पाए गए।
बाड़मेर कलेक्टर बनने के बाद टीना डाबी लगातार एक्शन मोड में नजर आ रही हैं। बुधवार को वे शहर में सफाई अभियान को लेकर चर्चा में रहीं। जब उन्होंने दुकानों के बाहर फैले कचरे को हटाने के लिए अभियान चलाया। इसके लिए उन्होंने दुकानदारों को फटकार भी लगाई। इसी वजह से वे फिर चर्चा में हैं।
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वहीं आज वो कई निजी क्लीनिकों का निरीक्षण करने पहुंचीं। सरकारी अस्पताल के कई डॉक्टर ड्यूटी समय में इस क्लीनिक में प्रैक्टिस करते पाए गए। निरीक्षण के दौरान टीना डाबी ने इस मामले पर फटकार भी लगाई। उन्होंने नाराजगी जताते हुए सरकारी अस्पताल के पीएमओ को इन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। वहीं टीना डाबी के निरीक्षण का ये वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
अस्पताल विजिट पर टीना डाबी ने बताया कि कई डॉक्टर सरकारी अस्पताल में ड्यूटी करने के बजाय अर्टेनेंस लगाकर अपने निजी क्लिनिक पर मरीज को चेक कर रहे थे। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। pic.twitter.com/657Uv41Ebp
— Dinesh Bohra (@dineshbohrabmr) September 26, 2024
कलेक्टर के सामने डॉक्टरों के छूटे पसीने
जिला कलेक्टर टीना डाबी ने सबसे पहले सरकारी अस्पताल परिसर में डॉक्टरों के आवासों का दौरा किया। इस दौरान कई डॉक्टर आवासों के अंदर ड्यूटी समय में मरीजों का इलाज करते मिले। मामला सामने आने के बाद डॉक्टर कई तरह के बहाने बनाते नजर आए। इसके बाद टीना डाबी सरकारी अस्पताल अधीक्षक डॉ. बीएल मंसूरिया के चैंबर में पहुंचीं। टीना डाबी ने हाजिरी रजिस्टर चेक किया तो सामने आया कि डॉक्टर सुबह हाजिरी लगाकर वापस चले जाते हैं और फिर निजी क्लीनिक में मरीजों का इलाज करते हैं।
निजी क्लीनिकों में प्रैक्टिस, उठा रहे सरकारी सैलेरी
बाड़मेर में इन दोनों मौसमी बीमारियों ने कहर बरपा रखा है। सरकारी अस्पताल की ओपीडी 5 हजार के करीब पहुंच गई है। जिसके कारण अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ देखी जा रही है। बावजूद इसके कई डॉक्टर मरीजों को देखने ओपीडी में नहीं पहुंचते और उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करके चले जाते हैं। हकीकत ये है कि ये सभी डॉक्टर सरकारी वेतन लेकर निजी क्लीनिकों में सेवाएं दे रहे हैं। इसकी शिकायतें काफी समय से सामने आ रही थीं। जिला कलेक्टर टीना डाबी ने जब संज्ञान लिया तो व्यवस्था की हकीकत उजागर हो गई।