जैसलमेर: सीमावर्ती गांव खारिया में बम धमाके से इलाके में सनसनी... सुरक्षा एजेंसियां हरकत में, पढ़िए पूरी खबर
एक हफ़्ते तक दस्ते की टीम गांव में कैंप कर बम को डिफ्यूज करने की तैयारी में जुटी रही। गांव के लोग अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में डरे हुए थे।
रेगिस्तान की धूल में डूबे, भारत-पाकिस्तान की सीमा पर बसे जैसलमेर के तनोट क्षेत्र में स्थित खारिया गांव में एक तेज धमाके से सन्नाटा छा गया। यह धमाका किसी विस्फोट से नहीं, बल्कि बम निरोधक दस्ते द्वारा एक खतरनाक बम को डिफ्यूज करने से हुआ था।
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बीते दिनों, खारिया गांव के कुछ बच्चों को खेलते समय एक अजीब सी चीज मिली थी। उनके छोटे हाथों में यह 'खिलौना' देखकर गांव में खौफ का माहौल फैल गया। बम होने की आशंका से स्थानीय प्रशासन को सूचित किया गया और तुरंत ही जैसलमेर से बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया।
बम को डिफ्यूज करने की तैयारी में जुटी टीम
एक हफ़्ते तक दस्ते की टीम गांव में कैंप कर बम को डिफ्यूज करने की तैयारी में जुटी रही। गांव के लोग अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में डरे हुए थे। बच्चों के खेलने की आवाज भी अब धीमी हो गई थी। हर कोई बम से होने वाले खतरे से बेचैन था।
अंत में, शनिवार को बम निरोधक दस्ते ने बम को डिफ्यूज करने का निर्णय लिया। गांव के बाहर, एक निर्जन जगह पर, दस्ते की टीम ने सभी सुरक्षा उपायों का पालन करते हुए बम को ध्वस्त करने का काम शुरू किया। तेज़ धमाके की आवाज से खारिया गांव गूंज उठा, लेकिन सबको राहत थी कि यह विस्फोट एक नियंत्रित धमाका था।
युद्धाभ्यास के दौरान विस्फोटक मिले
यह पहला मामला नहीं था जब सरहदी गांव में युद्धाभ्यास के दौरान विस्फोटक मिले हों। समय के साथ, इसे सामान्य घटना माना जाने लगा था। हालाँकि, हर बार यह घटना गांव वालों के दिलों में डर और अनिश्चितता की लहर भेजती थी।