Rajasthan News: टोंक में जमीन-जायदाद का खेल ! फर्जी वारिस बनकर रजिस्ट्री, आला-अधिकारी मौन, जानें मामला
Tonk News: राजस्थान के टोंक,में जमीन-जायदाद में फर्जी वारिस बनकर रजिस्ट्री कराने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। शिकायत के बाद भी लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है, कई बार शिकायत की गई लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
खबर राजस्थान के टोंक से है। जहां जमीन-जायदाद में फर्जी वारिस बनकर रजिस्ट्री कराने के मामलों ने हड़कंप मचा दिया है। चौंकाने वाली बात ये है कि राजस्व विभाग ने इसकी पुष्टि भी की है लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम उठाते हुए रजिस्ट्रियों को रद्द नहीं किया गया है और न ही कोई कार्रवाई। हांल ही में एक ऐसा ही मामला फिर सामने आया है, जहां पाकिस्तान से आए विस्तापित लोगों में जमीन बांटने के केस अनरिया केदार गांव स्थित पुलिस चौकी में दर्ज हुआ। पीड़ितो को उम्मीद है,जल्द ही उनकी समस्या का निदान किया जाएगा पर अभी तक कोई कदम नही उठाया गया।
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आखिर क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, टोंक के रहने वाले मोहम्मद खान 1955 में पाकिस्तान चल गए थे। उन्होंने सीमापार जाने से पहले 1954 में कुरेड़ा गांव स्थित 66 बीघा जमीन बेंच दी थी। जिसके कागजात ग्रामीणों के पास है। लेकिन अब दावा है कि मोहम्मद खान अपनी दो बेटियों को भारत में छोड़ गए थे। जिन्होंने खुद को मोहम्मद खान की बेटी बताते हुए जमीन अपने नाम करा ली। यहां तक दोनों ने नगर परिषद के मनोनीत पार्षद और गांव के सचपंच से वारिस होने का प्रमाण पत्र भी ले लिया। जब मामले की जांच की गई तो सामने आया कि मनोनीत पार्षद अधिकृत नहीं थे और सरपंच ने प्रमाण पत्र देने से इनकार कर दिया। वहीं, शिकायतकर्ताओं ने बताया कि पुलिस को डेढ़ साल पहले फर्जी दस्तावेजों की शिकायत दी थी पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
फर्जी वारिस बन बेंची जमीन
ऐसा ही एक और माला पीपलू स्थित संदेड़ा फार्म गांव से सामने आया था। जहां एक शख्स ने फर्जी वारिस बनकर जमीन बेच दी। पीड़ित ने बताया कि टोंक के रहने वाले वीरूमल की मोतीबाग में जमीन थी। उसका कोई वारिस नहीं था लेकिन दो लोगों ने उनकी मौत का फर्जी मृत्यू प्रमाण पत्र बनवाकर खुद को वारिस घोषित कर दिया और जमीन अपने नाम कराकर,कई लोगों को बेंच दी। जब पुलिस ने जांच की पता लगा आरोपियों ने जो पता और नाम बताया था वह टोंक में मौजूद ही नहीं है। हालांकि अभी तक इस बारे में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई और न रजिस्ट्री रद्द की गई।