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जानिए जयपुर के फेमस म्यूजियम अल्बर्ट हॉल की वास्तुकला और इतिहास के बारे में, जहां आपको मिस्त्र की ममी भी देखने को मिलेगी

राजस्थान की राजधानी जयपुर में बने म्यूजियम अल्बर्ट हॉल को महाराजा रामसिंघ ने साल 1887 में खोला था। ये 135 साल पुराना संग्रहालय राम निवास गार्डन में स्थित है। देश के विभिन्न अंगों की कला, संस्कृति के साथ ही टूरिस्टों के बीच मिस्त्र की ममी के लिए भी ये खासा प्रसिद्ध है।

जानिए जयपुर के फेमस म्यूजियम अल्बर्ट हॉल की वास्तुकला और इतिहास के बारे में, जहां आपको मिस्त्र की ममी भी देखने को मिलेगी

राजस्थान की राजधानी जयपुर में बना म्यूजियम अल्बर्ट हॉल यहां घूमने आने वाले टूरिस्टों की लिस्ट मेंं शामिल होता है। ये राजस्थान का सबसे बड़ा और पुराना संग्रहालय है। जानकारी के मुताबिक, वेल्स के राजकुमार, अल्बर्ट एडवर्ड के नाम पर ये संग्रहालय बना है। यहां आपको मिस्र की ममी भी देखने को मिलेगी। ये ममी कुछ समय पहले काफी चर्चा में भी रही है। अगर आप जयपुर जा रहे हैं, तो म्यूजियम अल्बर्ट हॉल जरुर विजिट करना चाहिए।  

क्या है म्यूजियम अल्बर्ट हॉल का इतिहास

राजस्थान की राजधानी जयपुर में बने म्यूजियम अल्बर्ट हॉल को महाराजा रामसिंघ ने साल 1887 में खोला था। ये 135 साल पुराना संग्रहालय राम निवास गार्डन में स्थित है। देश के विभिन्न अंगों की कला, संस्कृति के साथ ही टूरिस्टों के बीच मिस्त्र की ममी के लिए भी ये खासा प्रसिद्ध है।

म्यूजियम अल्बर्ट हॉल को क्यों बनाया गया था?

जयपुर के फेवरेट प्लेस हवा महल से म्यूजियम अल्बर्ट हॉल की दूरी महज 10 मिनट ही है। इस म्यूजियम को सरकारी केंद्रीय संग्रहालय भी कहा जाता है। साल 1876 में 6 फरवरी को प्रिंस ऑफ वेल्स, अल्बर्ट एडवर्ड की जयपुर यात्रा के दौरान इसकी नींव रखी गई थी। लेकिन इस हॉल का उपयोग कैसे किया जाए? ये दुविधा भी थी। महाराजा सवाई राम सिंह शुरू में चाहते थे कि संग्रहालय भवन एक टाउन हॉल हो। तो कुछ लोगों ने इसे सांस्कृतिक या शैक्षिक उपयोग में लाने का सुझाव दिया। जिसके बाद डॉ थॉमस होबिन हेंडली ने स्थानीय कारीगरों को अपनी शिल्प कलाकारी दिखाकर, उसे यहां प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया था। ये विचार पसंद किया गया और 1880 में इसे एक संग्रहालय बनाने का फैसला किया। साल 1887 में इसे जनता के लिए खोल दिया गया था।

म्यूजियम की खूबसूरत वास्तुकला

इस म्यूजियम में भव्य वास्तुकला है। म्यूजियम अल्बर्ट हॉल की डिजाइनिंग इंडो-सरसेनिक शैली में बनाया गया है। इसी के साथ ही म्यूजियम अल्बर्ट हॉल को महाराजा राम सिंह के शासनकाल में सैमुअल स्विंटन जैकब ने डिजाइन किया था। आज म्यूजियम में जयपुर कला के कुछ बेहतरीन काम, पेंटिंग, कलाकृतियां, आभूषण, कालीन, धातु, पत्थर और हाथीदांत की मूर्तियां मौजूद हैं।

मिस्त्र की द ममी भी देख सकते हैं

भारत में सिर्फ 6 ऐसी जगहें हैं, जहां आप मिस्र की ममी को देख सकते हैं। अल्बर्ट हॉल संग्रहालय भी उन्हीं में से एक है। यहां मिस्र में एक पुजारी के परिवार की महिला सदस्य टूटू ममी है। इसी के साथ ही जो लोग मुद्राशास्त्र में रुचि रखते हैं, वो अल्बर्ट हॉल संग्रहालय में सिक्कों का कलेक्शन भी देख सकेत हैं। ये सिक्के गुप्त, कुषाण, दिल्ली सल्तनत, मुगलों और अंग्रेजों के समय के हैं।

अल्बर्ट हॉल म्यूजियम टिकट

ये फेमस अल्बर्ट हॉल म्यूजियम हफ्ते के सातों दिन सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक और शाम 7:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुला रहता है। भारतीय टूरिस्टों के लिए यहां 40 रुपए टिकट और विदेशी टूरिस्ट के लिए 300 रुपए का टिकट है।