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INDI गठबंधन में छिड़ा अब 'कप्तान' पर लफड़ा, राहुल-प्रियंका हुए अलग-थलग, कांग्रेस की 'थ्योरी' पर उठे ये गंभीर सवाल

लोकसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखाने वाले INDI गठबंधन में अब दरार पड़ने लगी हैं, जिसकी सबसे बड़ी वजह कांग्रेस का गिरता ग्राफ है, जिसने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. 

INDI गठबंधन में छिड़ा अब 'कप्तान' पर लफड़ा, राहुल-प्रियंका हुए अलग-थलग, कांग्रेस की 'थ्योरी' पर उठे ये गंभीर सवाल

क्या INDI गठबंधन में दरार पड़ गई है ? क्या 26 दलों वाले INDI गठबंधन अब एकजुट नहीं है ? क्या राहुल का साथ अखिलेश-तेजस्वी छोड़ देंगे ? क्यों राहुल के कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं ? क्या ममता बनर्जी अब INDI गठबंधन की कैप्टन बनेंगी ? ये सवाल इन दिनों सियासी गलियारों में गूंज रहे हैं क्योंकि लोकसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखाने वाले INDI गठबंधन में अब दरार पड़ने लगी हैं, जिसकी सबसे बड़ी वजह कांग्रेस का गिरता ग्राफ है, जिसने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. तमाम सियासी दलों ने तो खुलकर कांग्रेस को मुंह चिढ़ाने का काम किया है जबकि ममता को खुलकर समर्थन किया है जिसने राहुल-प्रियंका की परेशानी को बढ़ा दिया है, क्योंकि एक ओर जहां संसद में कांग्रेस के प्रदर्शन को विपक्षी दलों का सपोर्ट नहीं है तो वहीं दूसरी ओर अब कांग्रेस को शरद पवार से लेकर उद्धव ठाकरे से भी बड़ा झटका मिलते दिख रहा है. 

दिन-ब-दिन गिर रहा कांग्रेस का ग्राफ

दरअसल INDI गठबंधन की स्थिति दिन-ब-दिन कमजोर होती जा रही है. जून 2023 में जो 26 विपक्षी दलों के साथ गठबंधन शुरू हुआ था वो अब टूटने के कगार पर है. जिसकी सबसे बड़ी वजह कांग्रेस का हाल ही में हुए चार विधानसभा चुनावों में गिरता हुआ ग्राफ है. 
4 राज्यों में नहीं दिखा कांग्रेस का दम-
J&K में I.N.D.I.A. जीता लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा
हरियाणा में BJP के सामने कांग्रेस चारों खाने चित हो गई
झारखंड में I.N.D.I.A. जीता लेकिन जीत के 'नायक' हेमंत सोरेन रहे
महाराष्ट्र में कांग्रेस को मिली करारी हार, नहीं दिखा सकी कमाल
इन राज्यों में बड़ी हार के बाद अब तमाम सियासी दलों ने ममता बनर्जी को INDI गठबंधन की कमान संभालने की बात कही है. अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी अब ममता बनर्जी के पक्ष में खड़ी है. वहीं अब बिहार से लालू यादव ने भी ममता बनर्जी के समर्थन का ऐलान किया है. इस बीच सियासत के सबसे मंझे खिलाड़ी शरद पवार और UBT नेता उद्धव ठाकरे भी TMC को सपोर्ट करते हुए नजर आ रहे हैं, जिसने कांग्रेस की मुश्किलों को बढ़ा दिया है.

तेजस्वी ने छोड़ा राहुल का चुनाव से पहले साथ ?

वैसे भी एक पुरानी कहावत कही गई है, जब दौर बुरा होता है तो अपने भी पराए हो जाते हैं और कुछ ऐसा ही हो रहा है, इन दिनों कांग्रेस के साथ, जब अखिलेश से लेकर तेजस्वी यादव भी अब कांग्रेस से दूरी बनाते दिख रहे हैं जबकि ममता को कप्तान बनाने की बात कह रहे हैं, पिछले आंकड़ों को देखें तो 25 सालों से छिटपुट लड़ाइयों के बीच कांग्रेस-RJD साथ में मिलकर चुनाव लड़ती हुई दिखाई दी है, लेकिन अब सियासी माहौल बिल्कुल अलग सा बनता जा रहा है, सियासी गलियारों में तो ये भी सवाल गूंजने लगा है कि क्या तेजस्वीर 2025 में होने वाले बिहार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ आएंगे या कम सीटें देकर किनारे कर देंगे.

कांग्रेस की परफार्मेंस पर सपा ने दागे सवाल

इतना ही नहीं जैसे ही INDI गठबंधन के नेतृत्व को लेकर, ममता बनर्जी का नाम आया तो अखिलेश की पार्टी भी अब दिल की बात कहने में पीछे नहीं है, हाल ही में संसद सत्र के दौरान जब सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव से ममता बनर्जी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कांग्रेस की विधानसभा चुनाव में आए नतीजों के परफार्मेंस पर सवाल उठाए. जिसके बाद ये माना जा रहा है कि सपा भी अब खुलकर ममता को INDI गठबंधन का कैप्टन बनाना चाहती हैं. अब सवाल  है कि क्या, लोकसभा चुनावों के वक्त जो दो लड़कों की जोड़ी यानी अखिलेश और राहुल की चर्चा में रही थी क्या अब वो 2027 में होने वाले यूपी के विधानसभा चुनावों में टूट जाएगी, ये सवाल लखनऊ से दिल्ली तक सियासी गलियारों में उठ रहा है. एक सवाल ये भी गंभीर है कि क्या INDI गठबंधन की कमान ममता के पास जाएगी या नहीं.

रिपोर्ट- ऋषभ कांत छाबड़ा