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रक्षाबंधन के साथ ही सावन का आखिरी सोमवार आज, मंदिरों में भक्तों की उमड़ी भीड़, क्या कुछ खास आइए जानते हैं

आज सावन बीतने के साथ ही महीनेभर से चल रहीं कावड़ यात्राओं का दौर भी थम जाएगा। इससे पहले देर रात तक प्रदेश के कई शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही है। जयपुर के झाड़खंड महादेव और ताड़केश्वर महादेव सहित कई छोटे बड़े शिव मंदिरों में आज भगवान शंकर का विशेष श्रृंगार किया गया और महा आरती उतारी गई।

रक्षाबंधन के साथ ही सावन का आखिरी सोमवार आज, मंदिरों में भक्तों की उमड़ी भीड़, क्या कुछ खास आइए जानते हैं

सावन महीने का आज आखिरी सोमवार है। रक्षा बंधन और सावन सोमवार एक ही दिन पड़ने से मंदिरों में भगवान शंकर का जलाभिषेक को लेकर भक्तों में विशेष उल्लास देखा जा रहा है। आज पवित्र सरोवरों से जल लाकर कावड़िए तड़के से ही भोलेनाथ का अनुष्ठान कर रहे हैं।

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आज सावन बीतने के साथ ही महीनेभर से चल रहीं कावड़ यात्राओं का दौर भी थम जाएगा। इससे पहले देर रात तक प्रदेश के कई शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही है। जयपुर के झाड़खंड महादेव और ताड़केश्वर महादेव सहित कई छोटे बड़े शिव मंदिरों में आज भगवान शंकर का विशेष श्रृंगार किया गया और महा आरती उतारी गई। गलता सरोवर में धार्मिक स्नान को लेकर सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

सावन का आखिरी सोमवार का व्रत

सावन की पूजा करने के लिए सुबह स्नान करने के बाद महादेव का ध्यान करके व्रत का संकल्प लिया जाता है। इस दिन सफेद या हरे रंग के कपड़े पहने जा सकते हैं। हालांकि भक्तों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वे काले कपड़े पहनकर शिव पूजा में शामिल न हों। पूजा करने के लिए गुड़, दही, गंगा जल, घी, दूध और चीनी आदि से मंदिर में जाकर भगवान शिव पर रुद्राभिषेक किया जाता है। माता पार्वती के सामने सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित की जाती हैं। देसी घी का दीपक जलाया जाता है, महादेव के मंत्रों का जाप किया जाता है। महादेव को हलवा, दही और फलों के साथ मिठाई का भोग लगाया जाता है और आरती करके पूजा पूरी की जाती है। इस खास मौके पर भगवान शिव से सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाती है।