RPSC ने एग्जाम प्रोसेस में किया बड़ा फेरबदल... परीक्षा देने के लिए जरूरी है, एक क्लिक कर पढ़िए पूरी खबर
आरपीएससी ने सरकारी भर्ती परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया है। अब इस नई व्यवस्था के तहत अभ्यर्थियों की पहचान करना आसान हो जाएगा।
राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने भर्ती परीक्षाओं में नकल और डमी अभ्यर्थियों को रोकने के लिए बड़ा बदलाव किया है। अब परीक्षा देने आने वाले हर अभ्यर्थी का बायोमेट्रिक सिस्टम के तहत सत्यापन किया जाएगा। आरपीएससी ने ट्रायल बेसिस पर यह नियम लागू किया है। पिछले 6 महीने से आरपीएससी लगातार केंद्रीय मंत्रालय को लेटर लिखकर इस सिस्टम को लागू करने की मांग की जा रही थी , जिसे अब हरी झंडी मिल गई।
यह भी पढ़िए-
आरपीएससी ने लिया बड़ा फैसला
आरपीएससी ने सरकारी भर्ती परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया है। अब इस नई व्यवस्था के तहत अभ्यर्थियों की पहचान करना आसान हो जाएगा, क्योंकि बायोमेट्रिक सिस्टम में आधार कार्ड सत्यापन की तरह ही विद्यार्थी का रजिस्ट्रेशन होगा। इससे डमी अभ्यर्थियों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
बायोमेट्रिक सिस्टम में दर्ज होगी जानकारी
आरपीएससी सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि परीक्षा में शामिल होने वाले हर अभ्यर्थी की जानकारी बायोमेट्रिक सिस्टम में दर्ज होगी। आवेदन पत्र भरते ही उनका सारा डाटा सिस्टम में फीड हो जाएगा। जब वे परीक्षा देने आएंगे तो आधार कार्ड सत्यापन की तरह बायोमेट्रिक मशीन पर अंगुली रखकर उनकी पहचान की जाएगी।
बायोमेट्रिक मशीन से करानी होगी स्कैनिंग
जब अभ्यर्थी किसी भी परीक्षा के लिए आवेदन करेंगे और वन टाइम रजिस्ट्रेशन करेंगे तो उन्हें एसएसओ पोर्टल पर आधार कार्ड नंबर, जन्मतिथि समेत सभी जानकारियां देनी होंगी। परीक्षा केंद्र पर पहुंचकर उन्हें बायोमेट्रिक मशीन पर अपने अंगूठे का निशान स्कैन करवाना होगा। अगर उनके द्वारा दी गई सभी जानकारियां सही पाई गईं तो उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश मिलेगा। अगर जानकारी गलत पाई गई तो स्टाफ उसे डमी अभ्यर्थी मानकर पुलिस के हवाले कर देगा।