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'लव जिहाद'- 'गोल्ड डिगर' का मिला टैग, Farhan Akhtar संग शादी होते ही शिबानी दांडेकर को लेनी पड़ी थी थेरेपी

Farhan Akhtar-Shibani Dandekar: फरहान अख्तर की पत्नी शिबानी दांडेकर ने अपनी शादी के 2 साल बाद एक शॉकिंग खुलासा किया है। उन्होंने अपने हालिया इंटरव्यू में बताया कि फरहान से शादी के 24 घंटे बाद उन्हें थेरेपी लेनी पड़ी थी। 

'लव जिहाद'- 'गोल्ड डिगर' का मिला टैग, Farhan Akhtar संग शादी होते ही शिबानी दांडेकर को लेनी पड़ी थी थेरेपी

Farhan Akhtar Wife Shibani Dandekar: फरहान अख्तर और शिबानी दांडेकर बॉलीवुड के क्यूट कपल हैं। दोनों ने तीन साल एक-दूसरे को डेट करने के बाद साल 2022 में शादी की थी। इनकी शादीशुदा लाइफ को दो साल हो चुके हैं। हालांकि, अलग-अलग धर्म की वजह से इन्हें काफी ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा था। शिबानी ने याद किया कि जब उन्होंने शादीशुदा और 2 बच्चों के पिता को डेट करना शुरू किया तो उन्हें 'गोल्ड डिगर' कह कह खूब ताना  मारा गया। लोग यहां तक ​​कहते थे कि फरहान अख्तर से शादी करने से पहले वह कुछ भी नहीं थीं। अब शादी के इतने दिनों बाद शिबानी ने अपनी एक शॉकिंग खुलासा किया है। अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वह अपने पति के साथ शादी के दो दिन बाद ही कपल थेरेपी लेने पहुंच गई थीं। दोनों को इस तरह देख थेरेपिस्ट काफी हैरान रह गए थे। 

रिया चक्रवर्ती के शो में हुईं शामिल
हाल ही में अपनी बेस्ट फ्रेंड रिया चक्रवर्ती के साथ उनके पॉडकास्ट चैप्टर 2 पर बातचीत में शिबानी दांडेकर ने लगातार हो रही ट्रोलिंग के बारे में खुलकर बात की। इस दौरान शिबानी ने बताया कि जब वह फरहान को डेट कर रही थीं तब लोग अक्सर उन्हें 'गोल्ड डिगर' कहते थे। उन्होंने याद किया, "जब मैंने फरहान के साथ अपने रिश्ते की शुरुआत की, तो लोग रोज़ाना मुझसे ये दो बातें कहते थे- 'लव जिहाद और गोल्ड डिगर'। मुझे इससे क्या करना चाहिए? मैं बिस्तर पर रोते हुए नहीं जा रही हूं क्योंकि लोग ये बातें कह रहे हैं। मैं गोल्ड डिगर नहीं हूं, और इस मामले की सच्चाई यह है कि वह एक मुस्लिम घर से है, और मैं एक हिंदू घर से हूं, और हमने शादी कर ली है, और हम अपनी शादी से बहुत खुश हैं। यही हमारी  सच्चाई है। इसलिए, लोग हमारे बारे में जो चाहें कह सकते हैं, यह वही है जो है।"

शिबानी ने कहा कि नेगेटिव बातों के बारे में चिंता करने के बजाय, वह अपने जीवन के बारे में सोचती हैं। "मुझे इस तरह की कमेंट मिलती हैं, 'वह कौन है?', 'फरहान अख्तर से शादी करने से पहले वह कौन थी?' और मैं बैठकर उस कमेंट को पढ़ती हूं और सोचती हूं 'अरे, क्या मैंने अपने जीवन में कुछ किया है, क्या मैं उससे शादी करने से पहले कोई थी?' या क्या मुझे पता है कि उससे मिलने से पहले मैंने पूरे 39 साल जीए हैं। क्या मैं किसी अनजान व्यक्ति पर विश्वास करने जा रही हूं या मैं अपनी यात्रा पर विश्वास करने जा रही हूं जो सच है और जो कोई आपको परेशान करने के लिए कह रहा है, आपको घुटनों से काट रहा है, आपको यह महसूस करा रहा है कि आप मायने नहीं रखते, आपको ऐसी स्थिति में डाल रहे हैं जहाँ आप कमज़ोर महसूस करते हैं, के बीच भी अंतर है। इसे समझने और समझने में सक्षम होना बहुत महत्वपूर्ण है।

कभी-कभी बात  करने के लिए समय कम पड़ जाता है 
शिबानी दांडेकर ने आगे कहा- 'कपल थेरेपी लेना एक तरह से जिम जाने के जैसा है, क्योंकि इस पर लगातार काम करना होता है। इससे बहस से निपटने में भी मदद मिलती है। हम हफ्ते में दो बार सेशन के लिए जाते हैं। कभी-कभी हम वहां जाते हैं और बस एक-दूसरे को देखते हैं, हम दोनों के पास थेरेपी के दौरान कुछ कहने के लिए नहीं होता है। ऐसे भी दिन होते हैं, जब एक-दूसरे के बारे में बताने या बात करने के लिए एक घंटा भी कम पड़ जाता है। शिबानी ने बताया कि  दोनों  जिम की तरह थेरेपी सेशन पर जाते हैं और ये उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है।