Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

Jaipur News: हादसा या साजिश! सीएम काफिले का एक्सीडेंट, सुरक्षा में भारी चूक, जिम्मेदार कौन? इंटेलिजेंस एजेंसी की नाकामी

सीएम के सुरक्षा तंत्र के खिलाफ ये हादसा एक गंभीर मामले के रूप में उभर कर सामने आया है, और अब इसे नजरअंदाज करना राज्य सरकार के लिए मुश्किल होगा।

Jaipur News: हादसा या साजिश! सीएम काफिले का एक्सीडेंट, सुरक्षा में भारी चूक, जिम्मेदार कौन? इंटेलिजेंस एजेंसी की नाकामी

आज जयपुर में प्रदेश के सीएम भजनलाल शर्मा के काफिले में हुई एक दर्दनाक दुर्घटना ने प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दुर्घटना में पुलिस सहायक उप-निरीक्षक  सुरेंद्र की मौत हो गई, जबकि कुछ अन्य पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। ये हादसा सीएम के काफिले के सामने एक वाहन के गलत दिशा से आ जाने के कारण हुआ, जो न केवल सुरक्षा में भारी चूक को दर्शाता है, बल्कि राज्य की इंटेलिजेंस और पुलिस सुरक्षा एजेंसी की विफलता को भी उजागर करता है।

सीएम काफिले की सुरक्षा पर सवाल

सीएम के काफिले की सुरक्षा का जिम्मा हमेशा उच्च अधिकारियों के पास होता है, खासकर आईजी स्तर के अधिकारियों के द्वारा। इस काफिले की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक और गलती का होना कहीं न कहीं इन अधिकारियों की कार्यक्षमता पर सवाल उठाता है। सीएम के सुरक्षा एजेंसी के खिलाफ ये हादसा एक गंभीर मामले के रूप में उभर कर सामने आया है, और अब इसे नज़रअंदाज करना राज्य सरकार के लिए मुश्किल होगा।

सुरक्षा में भारी चूक

ये घटना न केवल एक सुरक्षा चूक की तरफ इशारा करती है, बल्कि राज्य के इंटेलिजेंस एजेंसी की नाकामी को भी दर्शाती है। एक वाहन का गलत दिशा में आकर काफिले से टकराना, इस बात का संकेत है कि सुरक्षा व्यवस्था में कहीं न कहीं बड़ा खामियाजा हुआ है। सीएम के लिए सुरक्षा पहले और सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है, और अगर सुरक्षा एजेंसी की इस स्तर की विफलता सामने आती है, तो ये प्रदेश की जनता के लिए भी चिंता का विषय है।

इंटेलिजेंस एजेंसी पर भी उठे सवाल

राज्य सरकार को इस दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच तुरंत शुरू करनी चाहिए। सीएम की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों को कठोर जवाबदेही का सामना करना चाहिए, और इस मामले की विस्तृत जांच से ये स्पष्ट किया जाना चाहिए कि सुरक्षा में चूक के कारण क्या थे। इसके अलावा, राज्य के इंटेलिजेंस एजेंसी की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाए जाने चाहिए।

सुरक्षा एजेंसी की खामियां

ये हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि प्रदेश के सुरक्षा एजेंसी की खामियों का खुला उदाहरण है। सीएम को अपने सुरक्षा अधिकारियों और इंटेलिजेंस एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।