Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

फाइनेंस मिनिस्टर देंगी बड़ा तोहफा, लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस होगा सस्ता, गडकरी के मैसेज के बाद फैसला !

GST on Life and Health Insurance: मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस में लगने वाले जीएसटी को हटाने की मांग की गई थी. जिसको लेकर वित्त मंत्री ने बड़ा ऐलान किया है. 

फाइनेंस मिनिस्टर देंगी बड़ा तोहफा, लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस होगा सस्ता, गडकरी के मैसेज के बाद फैसला !
सदन में अपनी बात रखती वित्त मंत्री

भारत में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है. जिसको हटाने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सरकार को पत्र लिखा था. जिसके बाद इस मुद्दे की गूंज बजट सत्र के दौरान संसद में भी सुनाई दी थी. सदन में 7 अगस्त को वित्त मंत्री सीतारमण वित्त विधेयक-2024 में किए गए संशोधनों पर अपना उत्तर दे रही थीं. इसी दौरान हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस में लगने वाले जीएसी मुद्दे को लेकर सीतारमण ने कहा  लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18% जीएसटी का मुद्दा जीएसटी काउंसिल की बैठक में उठाया जाएगा और फिर इस  पर फैसला लिया जाएगा.

पहले भी मेडिकल इंश्योरेंस पर लगता था टैक्स- सीतारमण

इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे विपक्ष पर हमला बोलते हुए सीतारमण ने कहा कि जीएसटी की व्यवस्था लागू होने से पहले भी मेडिकल इंश्योरेंस पर टैक्स लगता था. ये सभी राज्यों में लागू था. आज जो दल इसे मुद्दा बना रहे हैं, क्या उन्होंने अपनी सरकारों वाले राज्यों में इस टैक्स को हटाने के लिए विचार विमर्श किया है?

मेडिकल इंश्योरेंस पर जीएसटी से 24000 करोड़ कमाई 

एक्सपर्ट का कहना है कि भारत में मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम में 18 फीसदी जीएसटी लगे होने की वजह से लोग इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से परहेज करते है. सरकार अगर इंश्योरेंस के प्रीमियम में जीएसटी कम करती है. तो प्रीमियम के दामों में कमी आएगी. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग पॉलिसी लेंगे. 

लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी की वसूली से पिछले 3 सालों में सरकार ने 24,000 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की है. इस पर वित्त मंत्री सीतारमण का कहना है कि जीएसटी कलेक्शन का करीब 74 प्रतिशत पैसा राज्यों के पास जाता है. उन्होंने कहा कि इंश्योरेंस पर से जीएसटी हटाने को लेकर कई सुझाव मिले हैं. इस पर फैसला जीएसटी काउंसिल में होगा. जीएसटी काउंसिल में राज्यों की दो तिहाई हिस्सेदारी है. जीएसटी काउंसिल इस तरह का फैसला लेने में सक्षम है.