वित्तीय संकट से उबरने की कोशिश में स्पाइसजेट, 150 कर्मचारियों को भेजा छुट्टी पर
स्पाइसजेट ने वित्तीय संकट से निपटने के लिए 150 केबिन क्रू सदस्यों को तीन महीने के लिए बिना वेतन छुट्टी पर भेजा है। कंपनी का यह कदम अपनी आर्थिक स्थिति को स्थिर करने और वित्तीय संसाधनों को जुटाने के लिए उठाया गया है। इस दौरान, डीजीसीए एयरलाइन की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखेगा।
स्पाइसजेट, जो वर्तमान में गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रही है, ने अपने 150 केबिन क्रू सदस्यों को तीन महीने के लिए बिना वेतन की छुट्टी पर भेजने का निर्णय लिया है। इस फैसले का उद्देश्य एयरलाइन की आर्थिक स्थिति को स्थिर करने और आवश्यक वित्तीय संसाधनों को जुटाने के लिए कदम उठाना है।
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यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब कंपनी की वित्तीय स्थिति को सुधारने की आवश्यकता है, और इसके लिए कई उपायों पर विचार किया जा रहा है। स्पाइसजेट के इस कदम के साथ ही, भारतीय नागरिक उड्डयन नियामक, डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय), ने घोषणा की है कि वह एयरलाइन की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखेगा।
वित्तीय संकट का सीधा असर एयरलाइन पर
डीजीसीए का यह फैसला एयरलाइन के सुरक्षा मानकों और परिचालन स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए है, क्योंकि वित्तीय संकट का सीधा असर एयरलाइन के संचालन और यात्रियों की सुरक्षा पर पड़ सकता है।
विमानों की संख्या में आई कमी
बता दें कि वित्तीय, कानूनी और पट्टेदार संकटों के बीच एयरलाइन कम संख्या में विमानों के साथ काम कर रही है। वर्तमान में, ये एयरलाइन करीब 22 विमानों का परिचालन कर रहा है।
स्पाइसजेट एयरलाइन के प्रवक्ता के अनुसार, यह कदम एयरलाइन के बेड़े के आकार में कमी और संगठन की दीर्घकालिक स्थिरता को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। हालांकि, इस दौरान केबिन क्रू के सदस्यों की स्थिति स्पाइसजेट के कर्मचारियों के रूप में बनी रहेगी और वे अपने सभी स्वास्थ्य लाभों और अर्जित अवकाश का लाभ उठाना जारी रखेंगे।
प्रवक्ता ने कर्मियों की छुट्टी पर कहा
प्रवक्ता ने आगे कहा कि यह फैसला अस्थायी है और कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने के लिए आगामी योग्य संस्थागत प्लेसमेंट (Qualified Institutional Placement या QIP) के बाद बेड़े को बढ़ाने की योजना बना रही है। जब कंपनी के बेड़े का विस्तार होगा, तो वे इन छुट्टी पर भेजे गए क्रू सदस्यों का पुनः सक्रिय ड्यूटी पर स्वागत करने की उम्मीद करते हैं।
इस योजना का उद्देश्य कंपनी के संचालन को आर्थिक रूप से स्थिर करना और उसके दीर्घकालिक विकास की नींव को मजबूत करना है। कर्मचारियों को दी गई छुट्टी अस्थायी है और यह सिर्फ एक रणनीतिक कदम है ताकि कंपनी मौजूदा कठिनाइयों से उबर सके और भविष्य में अपने बेड़े के विस्तार के लिए तैयार हो सके।