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रतन टाटा ने क्‍यों नहीं की शादी? सिमी ग्रेवाल से कही थी दिल की बात 'पत्‍नी और परिवार के लिए तरसता हूं'

रतन टाटा ने कहा था कि कई बार ऐसा होता है कि मुझे पत्नी या परिवार न होने के कारण अकेलापन महसूस होता है। कभी-कभी मैं इसके लिए तरसता हूं। हालांकि, मैं कभी-कभी इस बात की आजादी का आनंद लेता हूं कि मुझे किसी और की भावनाओं या किसी और की चिंताओं के बारे में चिंता न करने की जरूरत नहीं है।

रतन टाटा ने क्‍यों नहीं की शादी? सिमी ग्रेवाल से कही थी दिल की बात 'पत्‍नी और परिवार के लिए तरसता हूं'

अरबपति रतन टाटा को हम एक बिजनेस टायकून के तौर पर जानते हैं। जब अरबपतियों के लिस्ट में शामिल उन लोगों को जिक्र होता है, जो न सिर्फ दिलदार हों, बल्कि सभी के प्रति सादगी का भाव रखें, उसमें रतन टाटा का नाम सबसे ऊपर आता है। आज वो हमारे बीच नहीं हैं। उनके पीछे रह गए, तो उनके वो किस्से जो आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देते रहेंगे। हम जानते हैं कि रतन टाटा साहब ने शादी नहीं की थी, लेकिन उन्होंने अपनी निजी जिंदगी में इस खालीपन को क्यों चुना, साथ ही वो कौन थी, जिसे रतन टाटा ने दिल दे दिया था, चलिए इस स्टोरी में जानते हैं....

रतन टाटा ने क्यों नहीं की थी शादी

एक इंटरव्यू में सिमी ग्रेवाल ने रतन टाटा से पूछा था कि उन्होंने कभी शादी क्यों नहीं की? जिसके जवाब में रतन टाटा ने कहा था कि 'बहुत सारी चीजें हुईं, जिन्होंने मुझे शादी करने से रोक दिया। टाइमिंग सही नहीं रही और फिर काम में इतना मशगूल हो गया कि टाइम ही नहीं रहा। मैं कई बार शादी करने के नजदीक पहुंचा, पर बात नहीं बनी।’

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जब रतन टाटा ने बताया कि वो परिवार के लिए तरसते हैं

उन्होंने शादी न करने की वजह बताई। लेकिन उन्होंने कहा था कि वो परिवार के लिए तरसते हैं। रतन टाटा ने ये भी बताया कि उन्हें चार बार प्यार और बात शादी तक भी पहुंची थी, पर किसी न किसी वजह से बात बिगड़ गई। वो बोले थे, 'कई बार ऐसा होता है कि मुझे पत्नी या परिवार न होने के कारण अकेलापन महसूस होता है। कभी-कभी मैं इसके लिए तरसता हूं। हालांकि, मैं कभी-कभी इस बात की आजादी का आनंद लेता हूं कि मुझे किसी और की भावनाओं या किसी और की चिंताओं के बारे में चिंता न करने की जरूरत नहीं है।'

रतन टाटा का पहला प्यार

रतन टाटा ने 'ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे' को दिए इंटरव्यू में बताया था, 'मैं लॉस एंजेलिस में था। मुझे प्यार हुआ और मेरी लगभग शादी होने वाली थी। लेकिन उसी समय, मैंने वापस जाने का निर्णय ले लिया था, क्योंकि मैं लगभग सात साल से अपनी दादी से दूर था। दादी की तबीयत ठीक नहीं थी। इसलिए मैं उनसे मिलने वापस आया और सोचा कि जिससे मैं शादी करना चाहता हूं, वह मेरे साथ भारत आएगी। लेकिन साल 1962 के भारत-चीन युद्ध के कारण, उसके माता-पिता उसके इस कदम से सहमत नहीं थे और रिश्ता टूट गया।'