फिंगरप्रिंट या फेस देखकर होगी यूपीआई पेमेंट, फ्रॉड मामलों पर लगाम लगाने का नया प्लान
आज के समय में भारत में डिजिटल पेमेंट्स का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है, और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) इस बदलाव का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। यूपीआई की सरलता और सुविधाजनक प्रक्रिया ने इसे भारतीय उपभोक्ताओं के बीच एक लोकप्रिय विकल्प बना दिया है। यह केवल बड़े व्यापारी या खुदरा स्टोर तक सीमित नहीं है; अब तो यहां तक कि सब्जी बेचने वाले भी यूपीआई का उपयोग करके पेमेंट्स स्वीकार कर रहे हैं।
यूपीआई, जो कि एक त्वरित और सुरक्षित डिजिटल पेमेंट सिस्टम है, ने छोटे व्यापारी और सेवा प्रदाताओं को भी अपनी सेवाओं का विस्तार करने का एक नया तरीका प्रदान किया है। आजकल, सब्जी विक्रेता, जो आमतौर पर बाजारों और गलियों में अपनी दुकानें लगाते हैं, भी अपने ग्राहकों से पेमेंट्स लेने के लिए यूपीआई का उपयोग कर रहे हैं।
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यूपीआई ने आज पेमेंट करना आसान बना दिया है तो वहीं इसके फ्रॉड के मामलों बढ़ गए हैं। धोखाधड़ी करने वाले लोग यूपीआई यूजर्स से उनकी जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। वे फर्जी कॉल्स, संदेश, या ईमेल भेजकर ग्राहकों को अपना यूनीक आईडी और पासवर्ड शेयर करने के लिए कहते हैं। इन फ्राड के बढ़ते मामलों को देखते हुए को देखते इन पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली गई है। इसके लिए यूपीआई ट्रांजेक्शन को पिन की जगह बायोमीट्रिक से ऑथेंटिकेट किए जाने पर काम चल रहा है।
फिंगरप्रिंट या फिर फेस ऑथेंटिकेशन से होगी पेमेंट
रिटेल पेमेंट सिस्टम के ऑपरेटर नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई ने यूपीआई से पेमेंट करने को सुरक्षित बनाने के लिए बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है। यूपीआई से पेमेंट को ऑथेंटिकेट करने के लिए अब पिन की जगह बायोमीट्रिक का इस्तेमाल किया जाएगा। फिंगरप्रिंट या फिर फेस ऑथेंटिकेशन यानी चेहरा को देखकर सत्यापन आदि बायोमीट्रिक के बारे में प्लान किया जा रहा है।
एनपीसीआई कर रही प्लान
यूपीआई में बायोमीट्रिक से ऑथेंटिकेशन करने के लिए एनपीसीआई कई स्टार्टअप कंपनियों से बातचीत कर रही है। इस समय ज्यादार फोन में फिंगरप्रिंट स्कैनर और फेस रिकॉग्निशन जैसे फीचर्स दिए जा रहे हैं। एनपीसीआई स्मार्टफोन में मौजूद इन फीचर्स का इस्तेमाल करके यूपीआई से लेन-देन और भुगतान को सुरक्षित बनाने का प्लान कर रही है।