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Heavy Rain: अजमेर, जयपुर, कोटा और उदयपुर में मौसम ने ली करवट...तेज बारिश के बाद, पढ़िए ये रिपोर्ट

शनिवार सुबह से शाम तक राजधानी जयपुर के शहरी और ग्रामीण इलाकों में रुक-रुक कर अच्छी बारिश हुई। इस दौरान कई सड़कें पानी से भर गईं।

Heavy Rain: अजमेर, जयपुर, कोटा और उदयपुर में मौसम ने ली करवट...तेज बारिश के बाद, पढ़िए ये रिपोर्ट

राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में मानसून सक्रिय होने के कारण प्रदेश के कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश हो रही है। शनिवार (7 सितंबर) को अजमेर, जयपुर, कोटा और उदयपुर संभाग में सबसे ज्यादा बारिश हुई। इस दौरान अजमेर में हालात बिगड़ गए। जिले की फॉयसागर और आनासागर झीलों के ओवरफ्लो होने से बांडी नदी उफान पर आ गई।

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जिससे जिले की कई कॉलोनियां और सड़कें जलमग्न हो गई हैं। नदी ही नहीं, बल्कि नाले भी उफान पर आ गए। नाले का पानी मुख्य सड़क से तेजी से बहने लगा। इससे लोग हटूंडी रोड श्मशान घाट के पास जमा हो गए।

जयपुर में सुबह तेज बारिश के बाद दोपहर 12 बजे के बाद हालात सामान्य हुए

इस बीच, शनिवार सुबह से शाम तक राजधानी जयपुर के शहरी और ग्रामीण इलाकों में रुक-रुक कर अच्छी बारिश हुई। इस दौरान कई सड़कें पानी से भर गईं। अजमेर रोड और आसपास के इलाकों में लोगों का निकलना मुश्किल हो गया। मानसरोवर में एक जर्जर मकान का हिस्सा गिर गया। गनीमत रही कि कोई चपेट में नहीं आया। शहर के 200 फीट बाइपास, अजमेर रोड और मानसरोवर क्षेत्र में सबसे ज्यादा बारिश हुई। इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सड़कों पर जलभराव होने से कई वाहन बंद हो गए। दोपहर 12 बजे के बाद स्थिति सामान्य हुई, लेकिन कभी हल्की तो कभी तेज बारिश जारी रही।

नागौर जिले में पानी के तेज बहाव में 50 फीट पुलिया बह गई

अजमेर जिले में लगातार हो रही बारिश का कहर नागौर जिले में भी देखने को मिल रहा है। आलनियावास के पास लूनी नदी पर बनी पुलिया शनिवार को पानी के बहाव के साथ टूट गई। कोडिया मोड़ से एक तरफ रियांबड़ी और दूसरी तरफ टहला थांवला के बीच बनी पुलिया के ढहने से यातायात ठप हो गया। प्रशासन की सतर्कता के चलते कोई जनहानि नहीं हुई। दरअसल, नदी का बहाव बढ़ने पर प्रशासन ने लोगों की आवाजाही बंद कर दी थी। पुलिया के दोनों तरफ खाई खोद दी गई थी, ताकि कोई वाहन न गुजर सके। पुलिया पिछले दिनों क्षतिग्रस्त हो गई थी। लगातार बहाव के कारण शनिवार दोपहर करीब 50 फीट नदी का हिस्सा पानी के तेज बहाव में बह गया। इधर कई वर्षों बाद नदी में पानी देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण नदी पर पहुंचे।