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गहलोत सरकार का साथ देने वाली कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाहा को छोड़ उनके ससुर और दोवर ने थामा बीजेपी का दामन...

करौली-धौलपुर लोकसभा सीट राजस्थान के 543 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। मनोज राजोरिया करौली-धौलपुर से 2019 लोकसभा चुनाव में चुने गए थे।

गहलोत सरकार का साथ देने वाली कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाहा को छोड़ उनके ससुर और दोवर ने थामा बीजेपी का दामन...

करौली-धौलपुर लोकसभा सीट राजस्थान के 543 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। मनोज राजोरिया करौली-धौलपुर से 2019 लोकसभा चुनाव में चुने गए थे।

करौली-धौलपुर लोकसभा सीट पर कुल मतदाता

करौली-धौलपुर लोकसभा सीट राजस्थान के 543 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। इसमें वर्तमान में 8 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। उनमें से 8,34,302 पुरुष वोटर हैं। महिला मतदाताओं की संख्या 9,76,258 हैं। थर्ड जेंडर के मतदाता 14 हैं। 2019 में कुल वोटरों की संख्या 9,98,044 थी। जिनमें से कुल पुरुष मतदाता 5,54,132 और महिला मतदाता 4,40,287 थीं। 2019 में कुल मतदान प्रतिशत 55।12% था। बीजेपी के मनोज राजोरिया वोटों 5,26,443 से जीत हासिल की।

राजस्थान का करौली-धौलपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भारत की चुनावी राजनीति में अपने महत्वपूर्ण स्थान रखता है। 2019 के आम चुनावों में, यहॉं बहुत मजेदार चुनावी मुकाबला देखने को मिला था। भाजपा के प्रत्याशी मनोज राजुरिया ने पिछले चुनाव में 97,682 मतों के अंतर से जीत दर्ज़ किया था। उन्हें 5,26,443 वोट मिले थे। मनोज राजुरिया ने कांग्रेस के उम्मीदवार संजय कुमार जाट को हराया जिन्हें 4,28,761 वोट मिले थे।

धौलपुर से कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाहा के चाचा ससुर कन्हैया लाल कुशवाहा और देवर उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ी तादाद में समर्थकों के साथ 7 अप्रैल को बीजेपी ज्वाइन की। इन्होंने बीजेपी के जिला कार्यालय पर कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत और लोकसभा प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।

दल बदलने की पुरानी परंपरा - शोभारानी ने बीजेपी को क्रॉस वोट किया था

वर्ष 2018 में अशोक गहलोत सरकार बनने के बाद शोभारानी कुशवाहा की नजदीकियां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बढ़ गई। शोभारानी कुशवाहा ने कांग्रेस की सदस्यता लिए बिना पर्दे के पीछे से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं कांग्रेस के लिए तत्कालीन समय पर काम किया था। जिसकी बानगी राज्यसभा चुनाव में देखने को मिली थी। शोभारानी कुशवाहा ने भाजपा को क्रॉस वोट कर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी को वोट दिया था। तत्कालीन समय पर भाजपा ने नोटिस देकर शोभारानी कुशवाहा की पार्टी से सदस्यता भी निरस्त की थी। वर्ष 2023 के चुनाव में शोभारानी कुशवाहा खुलकर कांग्रेस के साथ आ गई। कांग्रेस से टिकट लेकर विधायक भी चुनी गई। लेकिन अशोक गहलोत सरकार जाने के बाद फिर से कांग्रेसी विधायक शोभारानी कुशवाहा की नजदीकियां बीजेपी की तरफ देखी जा रही है। हालांकि शोभारानी कुशवाहा ने सार्वजनिक तौर पर भाजपा के किसी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं की है। परिवार के सभी सदस्यों ने 7 अप्रैल शाम को भाजपा का दामन थाम लिया है।

राजनीतिक गणित

करौली जिले में कुल चार विधानसभा सीटें है। लोकसभा सीट बनाने के लिए 8 सीटों की आवश्यकता होती है। ऐसे में साल 2008 में परिसीमन हुआ तो इसमें धौलपुर की चार विधानसभा सीटों को मिला दिया गया। इस प्रकार यह धौलपुर करौली लोकसभा सीट हो गई। 2014 के चुनाव में यहां कुल 15।49 लाख मतदाता थे। वहीं 2019 के चुनाव में यहां मतदाताओं की संख्या करीब ढाई लाख बढ़ गई। इस बार भी संभावना है कि दो लाख मतदाता और बढ़ सकते हैं। अनुमान है कि इस सीट पर कुल 20 लाख वोटर हो सकते हैं।