Economy News: मोदी सरकार जल्द बदलेगी GDP Base Year, क्या पड़ेगा असर ? जानें यहां
India GDP: केंद्र सरकार GDP गणना के लिए बेस ईयर को 2011-12 से 2022-23 करने पर विचार कर रही है, जिसका देश के आर्थिक दृष्टिकोण पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। यहां प्रस्तावित बदलावों और उनके संभावित प्रभावों के बारे में जानें।
कोविड के बाद से सभी देशों की अर्थव्यवस्थाएं हिचकोले खा रही हैं, लेकिन सबसे ज्यादा हैरान भारत ने किया है। महामारी से जहां दुनियाभर की इकॉनमी मंदी की कगार पर खड़ी थी,तो वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था ग्रो कर रही थी। इकॉनमी को बूस्ट करने में जीडीपी नंबर का बड़ा हाथ होता है, जो ये बताते हैं कि हमारा देश कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है और आने वाले सालों में तस्वीर क्या होगी। अब इसी बीच खबर है कि इंडिनय इकॉनमी को नई उड़ान मिल सकती है। दरअसल केंद्र सरकार ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडेक्ट (GDP) की गणना बेस ईयर 2011-12 से नहीं बल्कि 2022-23 से करने पर विचार-विमर्श कर रही है।
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एक दशक बाद होगा बदलवाव
बता दें,जीडीपी गणना के लिए बेस ईयर में बदलाव लगभग 1 दशक बाद हो सकता है। इसे आखिरी बार 2011-12 में संशोधित किया गया था। ऐसे में दुनिया के सामने इंडियन इकोनॉमी के सही आंकड़े पेश किये जा सकेंगे। इसलिए बेस ईयर बदलने पर सरकार विचार कर सकती है। हालांकि, इस बारे में अभी तक मोदी सरकार की तरफ से कोई भी आधिकारिक स्टेटमेंट नहीं आया है।आधार वर्ष को बदलने का सुझाव जल्द ही सांख्यिकी-कार्यक्रम कार्यन्वयन मंत्रालय दे सकता है। जो प्रस्ताव को ACNAS कमेटी के पास भेजेगी जिसे 2026 तक इसे पूरा किया जा सकता है।
इन रिकॉर्ड को हटा सकती है सरकार
वहीं, फरवरी 2026 तक भारत सरकार जीडीपी कैलकुलेशन के नये बेस ईयर का ऐलान कर सकती है। जिसमें वीसीआर, रिकॉर्डर, लालटेन जैसी चीजों को हटाया जा सकता है। जबकि इनकी जगह फोन, प्रोसेस्ड फूड और स्मार्ट वॉच जैसे नई चीजों का शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा नये सोर्स के तहत जीडीप नंबर भी सरकार रख सकती है। बता दें, इकोनॉमी की सटीक और बेतहर तस्वीर दुनिया समक्ष पेश करने के लिए मोदी सरकार काम कर रही है।