Jodhpur News: जोधपुर दौरे पर गजेंद्र शेखावत का संदेश, नवरात्रि में साधना और शुद्धता का समय
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने जोधपुर दौरे पर नवरात्रि के भौतिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह पर्व ऋतु संक्रमण के समय में आहार और दिनचर्या में बदलाव के साथ-साथ साधना और आत्मनिरीक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने हालिया जोधपुर दौरे के दौरान नवरात्रि पर्व की महत्ता पर जोर दिया। जोधपुर से सांसद होने के नाते, शेखावत इस दौरे पर रविवार को सर्किट हाउस में जनसुनवाई के लिए पहुंचे थे, जहां उन्होंने दूर-दराज से आए ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
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शेखावत ने नवरात्रि की महत्ता बताई
शेखावत ने ग्रामीणों की समस्याओं पर त्वरित ध्यान देने का आश्वासन दिया और कहा कि प्रशासन से जुड़ी चुनौतियों का समाधान समय पर किया जाएगा। जनसुनवाई के बाद, पत्रकारों से बात करते हुए शेखावत ने नवरात्रि की महत्ता पर गहन विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि नवरात्रि का पर्व सनातन परंपरा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जो ऋतु संक्रमण के समय मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस नौ दिवसीय पर्व का भौतिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, जो भारत की समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।
नवरात्र में व्रत और उपवास की परंपरा
शेखावत ने आगे कहा, "नवरात्रि पर्व हमारे ऋषियों द्वारा स्थापित किया गया एक विशेष समय है, जब एक ऋतु से दूसरी ऋतु में परिवर्तन होता है। इस दौरान हमारे आहार और दिनचर्या में बदलाव की आवश्यकता होती है। व्रत और उपवास की परंपरा, जो इस पर्व से जुड़ी है, उसी परिवर्तन के लिए तैयार होने का प्रतीक है।"
मंत्री ने नवरात्रि के आध्यात्मिक पहलू पर भी चर्चा की, जिसमें उन्होंने साधना और ध्यान का महत्व बताया। "आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, यह समय साधना और आत्मनिरीक्षण का होता है, जो हमें आंतरिक शांति और मानसिक स्थिरता प्रदान करता है," उन्होंने कहा।
शेखावत ने नवरात्रि की दी शुभकानाएं
शेखावत ने मारवाड़ क्षेत्र और जोधपुर के निवासियों को नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं और इस पर्व के सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "मारवाड़ में नवरात्रि को अत्यंत उल्लास और पवित्रता के साथ मनाया जाता है। यह समय शारीरिक और मानसिक शुद्धता प्राप्त करने का होता है, और पूरे देश में इसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।"