Rajasthan by-election: खींवसर में त्रिकोणीय मुकाबला तो दौसा में महाटक्कर, जानें किस सीट पर कौन किस पर भारी
राजस्थान उपचुनाव 2024 में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर। देवली-उनियारा, दौसा, रामगढ़ और खींवसर जैसी सीटों पर रोचक मुकाबला। जानिए उम्मीदवारों की सूची और सीटों की ताजा स्थिति।
राजस्थान उपुनचाव के लिए कांग्रेस ने सभी सात सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। 23 अक्टूबर को जारी की सूची में दो सीटों पर पूर्व विधायकों के परिजनों को टिकट दिया गया है, तो दो महिलाओं को टिकट देकर आधी आबादी को साधने की कोशिश की गई है। इससे इतर युवा चेहर पर भी दांव लगाया गया है। गुरूवार को बीजेपी ने चौरासी सीट से कारीलाल ननोमा पर दांव खेला है। ऐसे में जानेंगे किस सीट पर बीजेपी-कांग्रेस का सीधा मुकाबला है और किस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के फाइट मिल रहे हैं।
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1) देवली-उनियारा सीट का हाल
देवली-उनियारा सीट पर कांग्रेस ने केसी मीणा को चुना है। उन्होंने हाल में VRS लिया था। सूत्रों की मानें कांग्रेस सांसद हरीश मीणा से विचार-विमर्श के बाद केसी को चुना गया है। वहीं, बीजेपी की बात करें तो यहां पर पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह गुर्जर पर दांव लगाया है। 2018 मे गुर्जर ने जीत हासिल की थी हालांकि 2023 में उनका टिकट काटकर विजय बैंलसा को दावेदार बनाया गया था। ऐसे में पिछले विधानसभा चुनावों की गलती को बीजेपी दोहराने की मूड में नहीं हा। इस सीट पर कांग्रेस-बीजेपी की कड़ी फाइट देखने को मिलेगी।
2) हॉटसीट बनी रामगढ़
बीजेपी की ओर से रामगढ़ में दशकों से आहूजा फैमिली चुनाव लड़ते आई है लेकिन इस बार पार्टी ने समीकरणों पर जोर दिया है। यहां से पिछले बारी बागी होकर चुनाव लड़ने वाले सुखवंत सिंह को मैदान में उतारा है। वह पिछली बार चुनाव में 74 हजार वोट पाकर दूसरे नंबर पर पर रहे थे। ऐसे में बीजेपी के पास इससे अच्छा विकल्प नहीं है। वहीं, कांग्रेस ने दिवंगत विधायक जुबेर खान के बेटे आर्यन खान पर दांव लगाया है।
3) दौसा पर होगी महाटक्कर
दौसा सीट पर बीजेपी ने कद्दावर नेता किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को चुना है। गौरतलब है, किरोड़ी लाल मीणा लंबे वक्त से भाई को टिकट दिलाने के लिए प्रयासरत है। बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को मिली हार के बाद बीजेपी कोई भी खतरा मोल लेने के मूड में नहीं है। वहीं,कांग्रेस ने दौसा से डीडी बैरवा को चुना है। बता दें, कांग्रेस के इस फैसले ने सभी को चौंका दिया।
4) खींवसर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला
हनुमान बेनीवाल के गढ़ खींवसर में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार है। यहां पर कांग्रेस ने बीजेपी नेता सवाई सिंह की पत्नी रतन चौधरी को उतारा है। वहीं पत्नी को टिकट मिलने के बाद सवाई सिंह ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। जबकि बीते विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल को कड़ी टक्कर देने वाले रेवंतराम डांगा को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, अभी तक इस सीट पर आरएलपी ने प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है।
5) सलूंबर में महिला प्रत्याशी आमने-सामने
उम्मीद थी कांग्रेस इस सीट से रघुवीर मीणा को टिकट देगी हालांकि पार्टी ने 2018 में बागी होकर चुनाव लड़ने वाली रेशमा मीणा को टिकट दिया है। बता दें, इस सीट पर बीजेपी ने सहानुभूति कार्ड खेलते हुए दिवंगत बीजेपी नेता अमृतलाल मीणा के पत्नी शाता देवी को मैदान में उतारा है।
6) झुंझनू सीट पर भी रोचक मुकाबला
बीजेपी ने इस सीट से राजेंद्र भांबू को प्रत्याशी बनाया है। बता दें, 2018 में भांपू बीजेपी के प्रत्याशी थे हालांकि 2023 के चुनावों में उनका टिकट टाककर बबलू को टिकट दिया गय था लेकिन बीजेपी को यहां हार का सामना करना पड़ा। जिस बाद फिर से भांबू पर दांव लगाया गया है। यहां से कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। कांग्रेस ने झुंझुनूं सांसद ब्रजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला को टिकट दिया है।
7) चौरासी सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष
चौरासी सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी का प्रभाव माना जाता है। यहां से कांग्रेस ने महेश रोत को मैदान में उतारा है। महेश युवा कांग्रेस के साथ छात्र राजनीति में सक्रिय रहे। वहीं, इस सीट पर बीजेपी ने कारीलाल ननोमा को प्रत्याशी बनाया है। बहरहाल देखना होगा। बीजेपी-कांग्रेस की टक्कर में राजकुमार रोत की पार्टी किसका खेल बनाती और बिगाड़ती है।