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Rajasthan By-elections: 'बाागियों' के भंवर में उलझी बीजेपी-कांग्रेस, डैमेज कंट्रोल में जुटी पार्टियां, पढ़ें पूरी खबर

राजस्थान के उपचुनावों में टिकट बंटवारे को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में बगावत का माहौल है। कई नेताओं ने पार्टी से मोर्चा खोल दिया है। जानिए किस तरह बीजेपी और कांग्रेस के लिए टिकटों का यह खेल खतरनाक साबित हो रहा है।

Rajasthan By-elections: 'बाागियों' के भंवर में उलझी बीजेपी-कांग्रेस, डैमेज कंट्रोल में जुटी पार्टियां, पढ़ें पूरी खबर

राजस्थान की सात सीटों पर उपचुनाव होने है। टिकट वितरण का दौर जारी है। बीजेपी ने सात में से छह सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। जिसके बाद से ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई है। हालात तो ये है कि खुद सीएम भजनलाल शर्मा ने मोर्चा संभाला हुआ है। वहीं, बात कांग्रेस की करें तो उसके हालात इससे ज्यादा बुरे हैं, जहां प्रत्याशियों के नाम के ऐलान से पहले खींचतान जारी है। कुल मिलाकर प्रदेश की दोनों पार्टियों में इस वक्त टिकट बंटवारे से नेता नाराज हैं बागी रूख अपना चुके हैं। जिसके चलते कांग्रेस-बीजेपी दोनों डैमेज कंट्रोल में लगी हुई हैं। 

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चार सीटों पर बीजेपी के लिए आफत 

दरअसल, सात सीटों में से बीजेपी छह सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी हैं। इनमें से चार सीटों पर कुछ नेताओं ने बागी तेवर अपना लिये हैं। जिस वजह से चुनाव से पहले बीजेपी की फजीहत हो रही हैं। सबसे पहले नाम सलूम्बर सीट का है। जहां से नरेंद्र मीणा ने मोर्चा खोल रखा है। उन्होंने निर्दलीय मैदान में उतरने का ऐलान किया है, बात बिगड़ती देख विशेष विमान से नरेंद्र मीणा को जयपुर बुलाया गया । उनसे खुद सीएम भजनलाल शर्मा ने मुलाकात की। वहीं, ऐसा ही कुछ हाल देवली उनियारा सीट पर है। यहां से गुर्जर समाज के बड़े नेता कर्नल किरोड़ा लाला बैंसला नाराज चल रहे हैं। बताया जा रहा है वह अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे थे। जबकि झुंझुनू से बबलू चौधरी टिकट कटने से वह बागी हो गए हैं। रामगढ़ सीट पर तो बीजेपी समझ ही नहीं पा ही क्यां करें। यहां बीते विधानसभा चुनाव में जय आहूजा को टिकट दिया था। वह उपचुनाव में भी टिकट की आंस लगाए थे, हालांकि इस बार उनकी जगह नए चेहरे पर दांव लगाया गया है। जिसके बाद जय आहूजा ने निर्दलीय मैदान में उतरने का ऐलान किया है। 

टिकट बंटवारे से पहले कांग्रेस का बुरा हाल

बीजेपी बागी नेताओं के तेवरों से जूझ रही हैं तो कांग्रेस में भी हालात जस के तस बने हुए हैं। अभी तक कांग्रेस ने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान नहीं किया है। पर इसके पहले कांग्रेस वॉर रूम के बाहर कई कांग्रेस नेताओं ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए विरोध दर्ज कराया। अपने लिये टिकट मांगना तो ठीक था लेकिन दूसरी ओर बड़े नेताओं के परिजनों को प्रत्याशी बनाये जाने का विरोध भी कांग्रेस में हो रहा है। कांग्रेस से नरेश मीणा देवली उनियारा से सीट मांग रहे थे तो झुंझुनू से शीशराम ओला के पोते अमित ओला के खिलाफ कार्यकर्ता लामबंद हो गए हैं। गौरतलब है, कांग्रेस सभी सीटों पर अकेल चुनाव लड़ी रहे हैं। ऐसे में मजबूत प्रत्याशी का चयन करना उसके लिए सिरदर्द बन गया है।