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Tika Ram Jully ने PKC-ERCP के शिलान्यास को लेकर कसा तंज, बोले BJP सरकारें मिलकर 'कुल्हड़ी में गुड़' फोड़ रहीं!

राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वो पार्वती-काली सिंध-चंबल और ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (पीकेसी -ईआरसीपी प्रोजेक्ट) का शिलान्यास राजस्थान विधानसभा की सात सीटों के उप - चुनाव के दौरान न करें। ऐसा करना नैतिक रूप से अनुचित है।

Tika Ram Jully ने PKC-ERCP के शिलान्यास को लेकर कसा तंज, बोले BJP सरकारें मिलकर 'कुल्हड़ी में गुड़' फोड़ रहीं!

राजस्थान की 7 सीटों पर उप-चुनाव होने वाले हैं। चुनाव आयोग के द्वारा घोषित किया जा चुका है कि 13 नवंबर को चुनाव और 23 नवंबर को रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। लेकिन इस सब के बीच राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पीकेसी -ईआरसीपी प्रोजेक्ट के शिलान्यास को लेकर अहम बात सामने रखी है और साथ ही ने पीकेसी -ईआरसीपी प्रोजेक्ट का शिलान्यास उप-चुनाव के दौरान न करने की तर्क संगत मांग भी की है।

‘प्रोजेक्ट रहा है कांग्रेस का ड्रीम प्रोजेक्ट’

राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वो पार्वती-काली सिंध-चंबल और ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (पीकेसी -ईआरसीपी प्रोजेक्ट) का शिलान्यास राजस्थान विधानसभा की सात सीटों के उप - चुनाव के दौरान न करें। ऐसा करना नैतिक रूप से अनुचित है। जूली ने कहा कि यह प्रोजेक्ट कांग्रेस का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है और वो इसके शिलान्यास के खिलाफ नहीं हैं। कांग्रेस तो बार -बार यह मांग कर रही है कि राज्य के हित में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाये। तभी राजस्थान के हितों की रक्षा हो पायेगी।

टीकाराम जूली बोले ‘कांग्रेस शासन में दिए गए थे 10 हजार करोड़’

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने ये भी कहा कि सरकार समझने में विफल रही है। इस प्रोजेक्ट पर कांग्रेस शासन में करीब दस हजार करोड़ रुपये की बजट राशि आवंटित की गयी थी। ईआरसीपी निगम का भी गठन हुआ था और हाड़ौती की कालीसिंध नदी पर नोनेरा बांध ईआरसीपी प्रोजेक्ट में बनकर तैयार हुआ पहला बांध है जो पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन में बना। इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट में ईसरदा बांध का भी नव-निर्माण कर छह शहरों और 1250 गांवों की पेयजल समस्या का निदान किया गया।  

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टीकाराम जूली की अपील ‘लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत’

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर काम तो कभी का शुरू हो चुका है। नये बांध बन गये हैं, फिर भी यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास करना चाहते हैं तो राजस्थान के व्यापक हित में हम इसका विरोध नहीं कर रहे, लेकिन उप -चुनाव के दौरान ऐसा करना लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है। प्रधानमंत्री इसका मतदान के बाद शिलान्यास करें और साथ ही इसे उसी मौके पर राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें।  

‘पीएम के हाथों शिलान्यास कराने की भाजपा सरकार की चेष्टा अनुचित’

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने ये भी कहा कि चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री के हाथों इसका शिलान्यास कराने की भाजपा सरकार की चेष्टा अनुचित है। जूली ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय यदि इस शिलान्यास की चुनाव के दौरान अनुमति देता है तो इससे प्रधानमंत्री की गरिमा पर सवाल खड़ा होता है। तेरह नवंबर को मतदान से पहले शिलान्यास नहीं हो। इस बारे में कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग को अवगत करायेगी तथा चुनाव आयोग से दखल की मांग करेगी।

13 नवंबर के बाद शिलान्यास कराने की अपील

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि भले ही 27 अक्टूबर को यह शिलान्यास राज्य की भाजपा सरकार जयपुर के समीप दादिया गांव में जनसभा की आड़ में कराना चाहती है, जयपुर जिले में आचार संहिता लागू नहीं है। लेकिन जयपुर के पड़ोस के कई जिलों में उप -चुनाव है। इस जनसभा और प्रस्तावित शिलान्यास का मंतव्य उप -चुनाव में राजनीतिक लाभ उठाना है। पीकेसी -ईआरसीपी प्रोजेक्ट के दायरे में आने वाली दौसा, देवली - उनियारा और रामगढ़ विधानसभा सीटों पर तेरह नवंबर को उप -चुनाव हैं। इसलिए इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास तेरह नवंबर के बाद होना चाहिए। अठारह दिन में प्रोजेक्ट की स्थिति पर कोई अंतर नहीं पड़ेगा। वैसे भी राज्य की भाजपा सरकार इस प्रोजेक्ट पर पिछले दस महीने से राजनीति खेल रही है। इस ड्रीम प्रोजेक्ट को जानबूझकर शिथिल किया जा रहा है।  

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने उठाया गंभीर सवाल

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार से उन्होंने ईआरसीपी प्रोजेक्ट पर हुए एमओयू को सार्वजनिक करने की सदन में कई बार मांग की। लेकिन सरकार ने एमओयू का खुलासा नहीं किया। इससे जाहिर है कि केन्द्र और राज्यों की भाजपा शासित सरकारें मिलकर ' कुल्हड़ी में गुड़ ' फोड़ रहे हैं। यह गुड़ किस प्रकार का है। यह जनता को जानने का हक है। जिस तरह से ईआरसीपी प्रोजेक्ट में पर्दा रखा जा रहा है। उससे जाहिर है कि कहीं कोई बड़ी अंदरूनी ग़फ़लत है।

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उपचुनाव को लेकर कही बड़ी बात

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि भाजपा कुछ भी कर ले। प्रदेश की जनता उसे हराने का मन बना चुकी है। सात सीटों में से भाजपा एक भी सीट पर नहीं जीत रही है। इसलिए वह कांग्रेस की प्रचण्ड जीत की स्थिति से घबराकर सत्ता का दुरूपयोग करने पर आमदा है। पीकेसी -ईआरसीपी जैसी महत्वपूर्ण परियोजना जो राजस्थान के एक बड़े भू -भाग में पेयजल और सिंचाई की समस्या का समाधान करेगी। ऐसे प्रोजेक्ट को भी भाजपा राजनीतिक नजरिये से देख रही है जो कि पूर्णतया अनैतिक है।

रिपोर्ट- जितेश जेठानंदानी