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आदिवासी अधिकारों पर संघर्ष या युवाओं को भटकाने की साजिश? Bharat Raftar के Exclusive Interview में रोत ने दिया बड़ा बयान

भारत रफ्तार के खास इंटरव्यू में बोले बीएपी सांसद राजकुमार रोत। रोत ने अपने भाषणों में ‘भील प्रदेश’ की मांग उठाई है, जिसमें उन्होंने आदिवासी समुदाय के अधिकारों और संस्कृति की रक्षा का आह्वान किया है।

आदिवासी अधिकारों पर संघर्ष या युवाओं को भटकाने की साजिश? Bharat Raftar के Exclusive Interview में रोत ने दिया बड़ा बयान

राजकुमार रोत के 'भील प्रदेश' आंदोलन पर बीजेपी ने युवाओं को भ्रमित करने का आरोप लगाया, जबकि रोध इसे आदिवासी अधिकारों और पहचान की लड़ाई बताते हैं, जिससे राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ रही है।

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‘भील प्रदेश’ की मांग

राजकुमार रोत के बढ़ते प्रभाव और उनके भाषणों के कारण राजस्थान के आदिवासी इलाकों में एक नई हलचल देखी जा रही है। रोत ने अपने भाषणों में ‘भील प्रदेश’ की मांग उठाई है, जिसमें उन्होंने आदिवासी समुदाय के अधिकारों और संस्कृति की रक्षा का आह्वान किया है। इस आंदोलन में युवाओं की सक्रिय भागीदारी देखते हुए, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राजकुमार रोत पर युवाओं को "भटकाने" का आरोप लगाया है।

रोत का आंदोलन युवाओं को उकसाने की कोशिश - बीजेपी

बीजेपी का मानना है कि 'भील प्रदेश' का विचार न केवल आदिवासी युवाओं को भ्रमित कर रहा है, बल्कि राज्य में अस्थिरता भी पैदा कर सकता है। पार्टी के प्रवक्ताओं का दावा है कि इस आंदोलन का उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ लेना है और ये युवाओं के असली मुद्दों से उन्हें दूर कर रहा है। वे कहते हैं कि रोत का आंदोलन गलत सूचनाएं फैला कर युवाओं को सरकार के खिलाफ उकसाने की कोशिश उकसाने की कोशिश कर रहा है।

एकता और सशक्तिकरण की राह

दूसरी ओर, राजकुमार रोत का कहना है कि 'भील प्रदेश' की मांग सिर्फ एक सांस्कृतिक पहल नहीं है, बल्कि ये उनके संवैधानिक अधिकारों की भी लड़ाई है। उनका तर्क है कि आदिवासी समुदाय को अभी तक अपनी पहचान और अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, और इस मांग का उद्देश्य उन्हें एकता और सशक्तिकरण की राह पर लाना है।

राजस्थान की राजनीति में उथल-पुथल

ये मुद्दा राजस्थान की राजनीति में उथल-पुथल ला सकता है, जहां एक तरफ आदिवासी समुदाय अपने अधिकारों की मांग कर रहा है और दूसरी तरफ राजनीतिक दल इसे "भ्रम" का नाम दे रहे हैं।